Shubhendu Adhikari and Jaspreet Singh
Shubhendu Adhikari and Jaspreet Singh raftaar.in
पश्चिम-बंगाल

Bengal News: TMC का दावा शुभेंदु ने ही जसप्रीत सिंह को खालिस्तानी कहा, गुरुद्वारा समिति ने जताई नाराजगी

कोलकाता, (हि.स.)। संदेशखाली थाना क्षेत्र के धमाखाली में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को रोके जाने के दौरान आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को कथित तौर पर खालिस्तानी कहने को लेकर बंगाल में सियासी तूफान खड़ा हो गया है।

यह खालिस्तानी है

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य पुलिस ने भी आईपीएस अधिकारी पर की गई ''खालिस्तानी'' टिप्पणी का विरोध किया है। इस बीच सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि जसप्रीत सिंह को खालिस्तानी किसी और ने नहीं बल्कि खुद शुभेंदु अधिकारी ने कहा है। सत्तारूढ़ पार्टी की आईटी सेल के नेताओं में से एक अदिति गायेन ने एक टेलीविजन चैनल का फुटेज पोस्ट किया। एक पुरुष की आवाज को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ''''यह खालिस्तानी है।'''' फुटेज में शुभेंदु भी नजर आ रहे हैं। तृणमूल का दावा है कि पुरुष आवाज शुभेंदु की है. हालांकि, हिन्दुस्थान समाचार ने वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है।

देश की आजादी की लड़ाई में सिखों ने अहम भूमिका निभाई है

विवाद बढ़ने पर मंगलवार देर रात शुभेंदु ने इस पर सफाई दी है। शुभेंदु ने कहा, ''''हमें पाकिस्तान-खालिस्तानी पर बात करने की जरूरत नहीं है। अधिकारी का बर्ताव असभ्य था। वह नाटक करके मुख्यमंत्री के पास अपना नंबर बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। न तो मैंने और न ही हमारे साथियों ने किसी धर्म पर हमला करते हुए कुछ कहा। हम गुरु नानक जी को प्रणाम करते हैं। मैं सिख धर्म का सम्मान करता हूं। देश की आजादी की लड़ाई में सिखों ने अहम भूमिका निभाई है।

अमृतसर के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने इसे लेकर नाराजगी जताई है

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को रोके जाने के बाद सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को कथित तौर पर खालिस्तानी कहने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। अब पंजाब के अमृतसर के शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने इसे लेकर नाराजगी जताई है। समिति के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा है कि जिन नेताओं ने इस तरह की टिप्पणी की है उन्हें ध्यान रखना होगा कि इस देश की स्वाधीनता के लिए सबसे अधिक सिखों ने बलिदान किया है।

यह केवल मुद्दा बनाने की कोशिश है

समिति ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को जिस तरह से अपमानित किया गया है वह दुखद है। राज्य पुलिस ने भी इसका वीडियो पोस्ट कर दुख जाहिर किया है। हालांकि भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा है कि किसी ने किसी को खालिस्तानी नहीं कहा था। यह केवल मुद्दा बनाने की कोशिश है।

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