Hemant Soren and Kalpana Soren
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रांची

Jharkhand News: हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना की भावुक पोस्ट, पति को याद करते हुए लिखा-भीख में नहीं मिलते...

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं, वहीं उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने एक आदर्श पत्नी की भूमिका निभाते हुए झारखंड की राजनीति में मोर्चा संभाला हुआ है। वह हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया अकॉउंट एक्स से अपने विचार डंके की चोट में रखती हैं। इसी क्रम में उन्होंने आज हेमंत सोरेन के एक्स हैंडल से एक बहुत ही भावुक पोस्ट की है। उन्होंने हेमंत सोरेन के जेल में बंद होने का कारण हेमंत का अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करने को बताया है।

पति हेमंत को बाबा साहेब से प्रेणना मिलती है

कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन के एक्स हैंडल के माध्यम से यह बताने की कोशिश की कि उनके पति ने अपने सिद्धांतों से बिलकुल भी समझौता नहीं किया है। इसी कारण से वह जेल में बंद हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत अपने परिवार से पहले राज्य की जनता की परवाह करते हैं। कल्पना ने लिखा की उनके पति हेमंत को बाबा साहेब से प्रेणना मिलती है। उन्होंने पोस्ट में बाबा साहेब की बातों का जिक्र करते हुए लिखा कि बाबा साहेब के शब्द "छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकारों को वसूल करना पड़ता है" ने हेमन्त जी को हमेशा प्रेरित किया है।

हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने लिखी भावुक पोस्ट

कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन के एक्स हैंडल से भावुक पोस्ट में लिखा कि "पिछले 24 दिनों से अन्यायपूर्ण कारावास का सामना कर रहे मेरे जीवन साथी, हेमन्त सोरेन जी के संघर्ष को अनुभव कर मैं गौरवान्वित भी हूं, दुःखी भी हूं। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी दृढ़ता और अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करने की उनकी हिम्मत के फलस्वरूप आज वो जेल में हैं। बाबा साहेब के शब्द "छीने हुए अधिकार भीख में नहीं मिलते, अधिकारों को वसूल करना पड़ता है" ने हेमन्त जी को हमेशा प्रेरित किया है।

राज्यवासियों की सेवा और उनके अधिकारों की रक्षा हेमन्त जी की पहली प्राथमिकता रही है। परिवार, मैं और बच्चे उनके लिए बाद में आते हैं। आदरणीय बाबा दिशोम गुरु जी के संघर्ष से हमें जो राज्य मिला, उसे संवारना और लोगों को हक़-अधिकार दिलाना ही उन्होंने अपना सर्वस्व माना।

हेमन्त जी सामाजिक न्याय और अधिकार के लिए सदैव संघर्ष करते रहे हैं। अपने और अपने राज्यवासियों के अधिकारों को हासिल करने के उनके संकल्प, मुझे उनकी आवाज़ को और गति देने के लिए प्रेरित करता है। उनकी यह संघर्षशीलता हमें सिखाती भी है कि हक़-अधिकारों की रक्षा और उन्हें हासिल करना हमारा कर्तव्य है, न केवल अपने लिए, बल्कि समाज के उत्थान और समृद्धि के लिए भी।

आज अन्याय के खिलाफ हेमन्त जी लड़ रहे हैं। आप सभी देश और झारखण्ड वासी जिस समर्पण के साथ उनके साथ खड़े हैं, उसके लिए मैं सभी की आभारी हूं। न्याय के लिए हमें यह लड़ाई मिलकर लड़ना है और लड़कर जीतना है।"

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