
नई दिल्ली, हि.स.। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा है कि मौजूदा फिलिस्तीन संकट के साथ आतंकवाद, गाजा में मानवीय स्थिति और फिलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए दो देश समाधान से तीन महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। इन पर समान रूप से महत्व दिया जाना चाहिए।
आतंकवाद को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता
जयशंकर ने आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री वांगपेन के साथ आज एक संयुक्त वार्ता में कहा कि फिलिस्तीन संकट का अपना एक इतिहास है तथा यह बहुत जटिल समस्या है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को इजराइल में आतंकवादी हमले की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा की गई। आतंकवाद को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि गाजा में मानवीय संकट बहुत विषम है तथा वहां यथाशीघ्र मानवीय सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। विदेश मंत्री ने फिलिस्तीन के बारे में भारत के सतत रवैये को दोहराते हुए कहा कि फिलिस्तीन जनता के अधिकारों और भविष्य के लिए दो देश समाधान आवश्यक है।
इजराइल द्वारा यहूदी बस्तियां बसाए जाना अंतरराष्ट्रीय नियम के खिलाफ
आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने कहा कि दो देश समाधान के तहत फिलिस्तीन की सीमायें क्या होंगी, इसका निर्धारण विचार-विमर्श के आधार पर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजराइल द्वारा यहूदी बस्तियां बसाए जाना अंतरराष्ट्रीय नियम के खिलाफ है। इसका आस्ट्रेलिया विरोध करता है।
दक्षिण अफ्रीका ने ब्रिक्स संगठन की आज आपात बैठक बुलाई
उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने फिलिस्तीन संकट पर विचार करने के लिए ब्रिक्स संगठन की आज आपात बैठक बुलाई है। इस वर्चुअल शिखरवार्ता में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित ब्रिक्स के सदस्य देशों के नेता भाग लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्व व्यस्तता के कारण शिखरवार्ता में भाग नहीं ले रहे हैं। उनके स्थान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर बैठक में शामिल होंगे।
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