नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। इलेक्टोरल बॉन्ड को SBI से खरीदने और बेचने की जानकारी अब चुनाव आयोग की वेबसाइट में पब्लिश होगी, ये निर्देश खुद सुप्रीम कोर्ट ने दिए। इस निर्देश के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को SBI को इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद-बिक्री से लेकर सारी जानकारी 12 मार्च 2024 तक उपलब्ध कराने को कहा था। चुनाव आयोग को SBI से यह जानकारी मिल जाने के बाद अपनी वेबसाइट में शुक्रवार, 15 मार्च तक इसको पब्लिश करना होगा।
12 मार्च तक Election Commission को यह सारी जानकारी उपलब्ध कराएं
इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर SBI को आज 12 मार्च को हर हालत में इसकी खरीद-बिक्री से जुडी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी, SBI ने यह जानकारी साझा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगा था। सर्वोच्च न्यायलय ने SBI को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके पास पहले से सारी जानकारी मौजूद है तो क्यों आपको इतना समय चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने SBI को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि 12 मार्च तक Election Commission को यह सारी जानकारी उपलब्ध कराएं।
सुप्रीम कोर्ट ने SBI को दो चीजे साझा करने के लिए कहा है
सुप्रीम कोर्ट ने SBI को जो चीजे साझा करने के लिए कहा है, उसमे पहली जानकारी उसको देनी होगी कि किसने, किस तारीख को कितने का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा। वहीं SBI को दूसरी जानकारी साझा करनी होगी कि किस-किस राशि के बांड को कौन कौन सी तारीख को भुनाया गया है।
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के खिलाफ याचिका दायर करने वाले लोग
जहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद-बिक्री से जुडी सारी जानकारी SBI को साझा करनी होगी। वहीं सब इस बारे में भी जानना चाहते हैं कि किन लोगो की याचिका के बाद यह निर्णय लिया गया है। आइये जानते हैं उन 3 लोगो के नाम जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के खिलाफ याचिका दायर की थी। पहला नाम है एडीआर(एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स), दूसरा नाम है सीपीआईएम और तीसरा नाम है जया ठाकुर का, जो कि कांग्रेस की नेता हैं।
इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला कुल चंदा
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक इलेक्टोरल बॉन्ड से कुल 16 हजार 492 करोड़ का चंदा SBI के बांड के माध्यम से राजनीतिक पार्टियों को मिला। वहीं SBI को 12 अप्रैल 2019 के बाद के चंदे की जानकारी साझा करनी है।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in