आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास।  रफ्तार।
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RBI MPC Meeting: रेपो रेट में बदलाव नहीं; EMI और महंगे Loan से राहत नहीं, जानें आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा

नई दिल्ली, रफ्तार। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसदी पर है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने प्रमुख ब्याज दरों पर मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निर्णय का ऐलान किया है। रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का साफ मतलब है कि आपको ईएमआई (EMI) में राहत नहीं मिलेगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने पॉलिसी रेपो रेट को 6.5% ही रखने का फैसला किया है।

स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% ही रहेगी

शक्तिकांत दास ने कहा है कि स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% पर ही है। सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 6.75% रहेगी। बता दें वित्तीय वर्ष 2024-25 (FY25) में यह पहली RBI MPC घोषणा है। RBI MPC की तीन दिवसीय बैठक 04 अप्रैल यानी गुरुवार को खत्म हुई है।

रेपो रेट क्या होता है?

रिजर्व बैंक द्वारा अन्य बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर रेपो रेट कहलाता है। बैंक इसी दर पर अपने ग्राहकों को लोन देता है। बाजार पर्यवेक्षकों का भी अनुमान था कि बढ़ती मुद्रास्फीति के दबाव के बीच समिति रेपो दर को 6.5% पर कायम रखा जाएगा। एक्सपर्ट का कहना है महंगाई में थोड़ा बदलाव हो सकता है। इसके अतिरिक्त ईंधन और रसोई गैस की कीमतों में भी नरमी आ सकती है।

रेपो रेट कम होने से क्या फायदा?

RBI रेपो रेट कम करता है तो लोन की ईएमआई (EMI) भी कम हो जाता है। अगर, रेपो रेट बढ़ाया जाता है तो लोन की ईएमआई बढ़ जाती है। रेपो रेट कम कम होने पर ग्राहकों को कम ब्याज दर पर होम लोन, व्हीकल लोन मिलते हैं। रेपो रेट बढ़ता है तो लोन बढ़ी हुई दर पर मिलेंगे। बैंक रेपो रेट के आधार पर ही लोन की ईएमआई निर्धारित करती है।

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