RBI MPC Meeting: आम लोगों को बड़ी राहत, RBI ने रेपो रेट नहीं बढ़ाया, नहीं बढ़ेगी EMI

RBI: आम लोगों को आरबीआई (RBI) ने बड़ी राहत दी है। RBI ने लगातार चौथी बार ब्याज दरों को 6.5% बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि आपकी EMI नहीं बढ़ेगी।
आरबीआई के गवर्नर, जिन्होंने रेपो रेट स्थिर रहने की घोषणा की है।
आरबीआई के गवर्नर, जिन्होंने रेपो रेट स्थिर रहने की घोषणा की है। रफ्तार।

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। आम लोगों को आरबीआई (RBI) ने बड़ी राहत दी है। RBI ने लगातार चौथी बार ब्याज दरों को 6.5% बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि आपकी EMI नहीं बढ़ेगी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज सुबह मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के निर्णय की जानकारी दी। 4 अक्टूबर को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग शुरू हुई थी।

फरवरी में बढ़ाया था रेपो रेट

RBI ने फरवरी में आखिरी बार रेपो रेट बढ़ाकर 6.5% की थी, तब से इसमें बदलाव नहीं हुआ है। हर दो महीने में मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग होती है। अप्रैल में इस वित्त वर्ष की पहली मीटिंग हुई थी। पिछले वित्त वर्ष में रेपो रेट 6 बार में 2.50% बढ़ी थी।

दरों को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में थे सभी सदस्‍य

RBI गवर्नर ने बताया कि पॉलिसी दरों को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में एमपीसी के सभी सदस्‍य थे। गवर्नर ने इस बात पर भी जोर दिया कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है। RBI ने महंगाई को 2-6% के बीच नहीं, बल्कि 4% पर रखने का लक्ष्य रखा है।

महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल रेपो रेट

RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का शक्तिशाली टूल है। महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा हो जाएगा। बदले में बैंक ग्राहकों के लिए लोन महंगा करते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम हो जाता है। मनी फ्लो कम होने पर डिमांड में कमी आती और महंगाई घट जाती है। ऐसे ही जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत होती है। तब RBI रेपो रेट कम करता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता होता और ग्राहकों को सस्ती दर पर लोन मिलता है।

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