नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। 14 March 2024। भगवान जगन्नाथ की 9 दिन चलने वाली पूजा बहुत विशेष होती है। इन दिनों भगवान की पूजा-अर्चना करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है। उनके पसंद के भोग-पुष्प आदि चढ़ाकर उनको प्रसन्न करते हैं। इसके साथ ही, उनके कुछ चमत्कारी मंत्रों का जाप भी किया जाता है।
भगवान जगन्नाथ की पूजा तो आप अक्सर करते हैं लेकिन भगवान की रथ यात्रा के द्वारा उनकी पूजा करने का एक अलग महत्व होता है। रथ-यात्रा में जो व्यक्ति भगवान के नाम का कीर्तन करता हुआ रथयात्रा में शामिल होता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। रथ यात्रा में भाग लेने मात्र से संतान संबंधी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। वहीं, इस रथ यात्रा का प्रारंभ तब हुआ जब भगवान की बहन सुभद्रा ने पुरी जाने की इच्छा प्रकट की। उनकी इच्छा पूरी करने के लिए इसके बाद भगवान ने अपनी बहन और बड़े भाई बलभद्र के साथ रथ पर बैठकर पुरी के चक्कर लगाए। तब से ही हिंदू कैलेंडर के अनुसार रथ यात्रा निकलने लगी और भगवान की पूजा अर्चना होने लगी।
भगवान जगन्नाथ की पूजा करते समय आपको हरे कृष्णा का कीर्तन करना चाहिए। अगर आप किसी कारणवश यात्रा में शामिल नहीं हो पाए, तो आप इसे घर पर भी कर सकते हैं।
भगवान जगन्नाथ को विष्णु का ही अवतार माना गया है। भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत पसंद है ऐसे में भगवान जगन्नाथ की पूजा में भी पीले पुष्प का प्रयोग करना चाहिए।
भगवान जगन्नाथ की पूजा में पूरे नौ दिन तक केवल कर्पूर का ही धूप देना चाहिए क्योंकि भगवान को यह सुगंध बेहद प्रिय होती है। अगर आप घर में ही पूजा कर रहे हैं, तो सुबह और शाम आरती करने के बाद पूरे घर में आरती अवश्य दिखाएं। ऐसा करने से आपके घर से सारी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
ऊँ विश्वमूर्तये जगन्नाथाय नम:
ऊँ देवादिदेव जगन्नाथाय नम:
ऊँ नारायण जगन्नाथाय नम:
ऊँ विष्णवे जगन्नाथाय नम:
ऊँ चतुमूर्ति जगन्नाथाय नम:
ऊँ अनंताय जगन्नाथाय नम:
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