नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।13 March 2024। गणेश भगवान सब भगवानों से श्रेष्ठ माने जाते हैं। उनकी पूजा किए बिना कोई भी काम सफल नहीं होता है। इनकी पूजा करते समय दूर्वा चढ़ाने का विशेष महत्व है। माना जाता है, कि गणपति जी की पूजा दूर्वा के बिना अधूरी है। वहीं, दूर्वा चढ़ाने का कई नियम भी बताया गया है।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। कहते हैं कि भगवान सबके कष्ट हर लेते हैं। भगवान गणेश की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करके मनचाहा फल मांगा जाता है, जिसमें दूर्वा काफी मदद करता है। मान्यताओं के अनुसार, गणपति जी को दूर्वा चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। फिर वह पैसों की तंगी हो या घर में सुख शांति लाना हो।
गणेश भगवान की पूजा करने के लिए आपको सबसे पहले सुबह के समय ही स्नान कर लेना चहिए फिर पूजा आरंभ करें। सबसे पहले गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा भगवान गणेश के मस्तक पर रखना चाहिए। वहीं, बहुत सारे व्यक्ति दूर्वा गणेश जी के चरणों में रखते है ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। नियम के मुताबिक, दूर्वा चढ़ाने के बाद भगवान को भोग लगाएं और आरती करें।
1. गणेश भगवान का सबसे प्रमुख मंत्र है -'ॐ गं गणपतये नमः'। ऐसा माना जाता है, कि इस मंत्र के जाप से बप्पा की कृपा बरसती है और वो जीवन के तमाम विघ्न हर लेते हैं।
2. भगवान श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए जो मंत्र का प्रयोग किया जाता है, वह मंत्र इस प्रकार है - 'वक्रतुण्डाय हुं'। इस मंत्र के जाप से काम में आने वाली सारी बाधाएं खत्म होती हैं।
3. 'ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' - नौकरी या व्यापार से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है।
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