the-youth-set-out-on-a-trip-to-india-to-awaken-the-spirit-of-sports
the-youth-set-out-on-a-trip-to-india-to-awaken-the-spirit-of-sports

खेलों के प्रति अलख जगाने युवा निकला भारत यात्रा पर

भोपाल 4 अगस्त (आईएएनएस)। इंसानी जिंदगी में खेल भी जरूरी है मगर खेल क्या है और इनकी क्या अहमियत है इससे कम लोग वाकिफ हैं। खेलों के प्रति अलख जगाने एक नौजवान खेल साक्षरता प्रचार वाहन लेकर भारत यात्रा पर निकला है। इन दिनों देश और दुनिया ओलंपिक खेलों के रंग में रंगी हुई है। हर कोई भारत के खिलाड़ियों की जीत की कामना कर रहा है। देश के ओलंपिक में प्रदर्शन पर गौर करें तो उसे जनसंख्या के अनुपात में संतोषजनक नहीं कहा जा सकता, इसकी बड़ी वजह देश में स्पोर्ट्स कल्चर का न होना रही है। लोगों में खेलों के प्रति जागृति आए इसके लिए डॉ कनिष्क पांडेय भारत यात्रा पर निकले हुए हैं। डॉ पांडेय स्पोर्ट्स वे ऑफ लाइफ के जरिए ओलंपिक से संबंधित खेलों को गांव-गांव तक पहुंचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं । वे अपनी भारत यात्रा के तहत भोपाल पहुंचे। उन्होंने आईएएनएस से चर्चा करते हुए कहा कि भारत में स्पोर्ट्स कल्चर नहीं है, यही कारण है कि खेल साक्षरता महज पांच फसदी है और महिलाओं के बीच तो यह सिर्फ ढाई फीसदी ही। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि लोगों को खेल साक्षर बनाया जाए तभी हम ओलंपिक में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। डॉ पांडेय ने बताया कि उनकी यह यात्रा देश के सभी राज्यों की राजधानी तक पहुंचेगी और उसके आसपास के जिलों के एक-एक गांव में भी जाएगी, इस यात्रा के जरिए वे लोगों को यह बताना चाहते हैं कि खेलों का जीवन में कितना महत्व है। यह हमारे व्यक्तित्व विकास से लेकर बीमारियों से भी दूर रखने में कारगर हथियार है। गाजियाबाद से शुरू हुई यह यात्रा उत्तर प्रदेश होती हुई मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंची। खेल साक्षरता प्रसार वाहन में एक बड़ी एलसीडी लगी हुई है, जिस पर वीडियो के जरिए ओलंपिक खेलों से संबंधित फिल्में भी बच्चों को दिखाई जा रही हैं। इस यात्रा के भोपाल पहुंचने पर पूर्व ओलंपियन और अर्जुन पुरस्कार विजेता सैयद जलालुद्दीन रिजवी ने कहा, मेरे इतने लंबे खेल जीवन में खेलों को जन-जन तक पहुंचाने का इतना वैज्ञानिक और गंभीर प्रयास पहली बार हो रहा है, इसके लिए पांडे बधाई के पात्र हैं। इन्होंने पूरे भारत में स्पोर्ट्स की जानकारी देने का जो मिशन शुरू किया है, वह काबिले तारीफ है।यह काम इतना बड़ा है जो लखनऊ से शुरू होकर आज भोपाल आया और यह आगे के लिए जा रहा है। यह वाहन राजधानी के बंगरसिया गांव भी पहुंचा जहां बच्चों से लेकर बुजुर्गों और युवाओं ने हिल वाहन को देखकर उत्साह जाहिर किया । --आईएएनएस एसएनपी/आरजेएस

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in