सुखोई-30 MKI भड़ेगा उड़ान 4 बिलियन डॉलर की लागत से, HAL करेगा सहयोग

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारतीय वायु सेना मिलकर सुखोई-30 एमकेआई के लिए उपकरण और प्रणालियों को अंतिम रूप दे देंगे, जिसके बाद 150 विमानों को अपग्रेड किया जाएगा।
सुखोई-30 MKI भड़ेगा उड़ान 4 बिलियन डॉलर की लागत से, HAL करेगा सहयोग

नई दिल्ली,एजेंसी। भारतीय वायु सेना को अपने लड़ाकू विमान सुखोई बेड़े को अपग्रेड करने के लिए 4 बिलियन डॉलर की जरूरत है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने अपग्रेड प्रोग्राम के लिए पहले से ही प्रस्ताव दे रखा है, जिसे जल्द ही सरकार से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। एचएएल नोडल एजेंसी के रूप में लगभग 150 लड़ाकू विमानों को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के अनुकूल 'सुपर सुखोई' के रूप में अपग्रेड करेगी, जिसके बाद भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

सुखोई-30 MKI भारत और रूस के संयुक्त उत्पाद

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारतीय वायु सेना मिलकर सुखोई-30 एमकेआई के लिए उपकरण और प्रणालियों को अंतिम रूप दे देंगे, जिसके बाद 150 विमानों को अपग्रेड किया जाएगा। 'सुपर सुखोई' कार्यक्रम की मंजूरी रूस से मिल चुकी है, क्योंकि सुखोई-30 एमकेआई भारत और रूस के संयुक्त उत्पाद हैं।

सुखोई को अपग्रेड करने के लिए कई घटक और पुर्जे रूस से आने हैं। 'सुपर सुखोई में एक आधुनिक कॉकपिट शामिल होगा। अपग्रेड के प्रमुख हिस्से में एवियोनिक्स और सेंसर भी शामिल हैं, जिससे 150 लड़ाकू विमानों को तकनीकी तौर पर पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के अनुकूल बनाया जाना है।

Indian Defence Research wing
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2028 तक अपग्रेडेशन होने की उम्मीद

एचएएल प्रस्तावित 'सुपर सुखोई' कार्यक्रम में उत्तम एमके3 एईएसए फायर कंट्रोल राडार विकसित करेगा। एचएएल 2024 के बाद से सुपर सुखोई कार्यक्रम में शामिल किए जाने वाले कई घटकों का परीक्षण शुरू कर देगा। सुपर सुखोई कार्यक्रम के लिए शुरू किए जाने वाले प्रोटोटाइप में चरणों में नई प्रणालियों को शामिल किया जाएगा और पूर्ण पैमाने पर अपग्रेडेशन 2027-28 से शुरू हो सकता है।

सुखोई-30 MKI को अपग्रेड करना क्यों जरूरी

वायुसेना के सुखोई-30 एमकेआई को भविष्य के हवाई युद्ध में प्रासंगिक बनाये रखने के लिए अपग्रेड करना इसलिए जरूरी हो गया है, क्योंकि इसका सॉफ्टवेयर बहुत तेजी से खराब हो रहा है। वायु सेना को उम्मीद है कि पहला सुपर सुखोई विमान 2025 तक तैयार हो जाएगा।

इन्फ्रारेड होमिंग विस्तारित रेंज संस्करण से होगा लैस

'सुपर सुखोई' में उन्नत स्टील्थ विशेषताएं भी होंगी। सुपर सुखोई अन्य लंबी दूरी की मिसाइलों के इन्फ्रारेड होमिंग विस्तारित रेंज संस्करण से भी लैस हो सकता है। मध्यम दूरी की मिसाइलों के अलावा सक्रिय रडार होमिंग मीडियम रेंज 100 किमी. के साथ-साथ अन्य 80 किमी मध्यम दूरी की मिसाइलों को भी जोड़ा जा सकता है।

सुपर सुखोई के जीवन काल को बढ़ाएगा

सुपर सुखोई में इलेक्ट्रॉनिक्स को उन्नत किया जाएगा और सुपर सुखोई में अधिक हथियार भार होंगे। सुपर सुखोई में एफजीएफए जैसा ही इंजन होगा, जो इसके जीवन काल को बढ़ाएगा। सुपर सुखोई कार्यक्रम को भारतीय रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद प्रक्रिया के ऑफसेट नियमों के तहत कवर नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह उन्नयन परियोजना पिछले सुखोई-30 एमकेआई समझौते का ही एक हिस्सा है।

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