SCO Summit 2023: भारत ने SCO शिखर सम्मेलन में उठाया आतंकवाद का मुद्दा

SCO Summit India 2023: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना पाक का नाम लिए ही उसे जमकर लताड़ा है। सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया गया है।
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नई दिल्ली, हिन्दुस्थान समाचार। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों के 22वां शिखर सम्मेलन कल (मंगलवार) को हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में भारत इसकी मेजबानी की। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना पाक का नाम लिए ही उसे जमकर लताड़ा है। सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया गया है। अफगानिस्तान के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि वहां पर स्थाई सरकार की आवश्यकता है साथ ही कहा कि एससीओ देश एकदूसरे की जरूरत को समझें।

यह सम्मेलन आभासी यानी वर्चुअल प्रारूप में हुआ। इससे पहले भारत ने 16 सितंबर, 2022 को समरकंद में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन में इसकी अध्यक्षता ग्रहण की थी।

भारत ने 14 मंत्रिस्तरीय बैठकों सहित कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की

इस बार शिखर सम्मेलन का विषय ‘एक सुरक्षित एससीओ की ओर’ है। 2018 एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री द्वारा सिक्योर (सुरक्षित) का अर्थ सुरक्षा, अर्थव्यवस्था व व्यापार, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता का सम्मान और पर्यावरण बताया था। एससीओ की भारत की अध्यक्षता के दौरान इन विषयों पर प्रकाश डाला गया है। भारत का दावा है कि उसकी अध्यक्षता में एससीओ के सदस्य देशों के बीच गतिविधियां बढ़ीं और पारस्परिक रूप सहयोग भी बढ़ा। भारत ने 14 मंत्रिस्तरीय बैठकों सहित कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है। भारत हमेशा से एससीओ में एक सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसकी अध्यक्षता की परिणति के रूप में एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की आशा करता है।

पाकिस्तान को भी दिया गया न्योता

सभी एससीओ सदस्य देशों को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसमें चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। इसके अलावा, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है। एससीओ की परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। दो एससीओ निकाय (सचिवालय और एससीओ आरएटीएस) के प्रमुख सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र, आसियान, सीआईएस, सीएसटीओ, ईएईयू और सीआईसीए शामिल हैं।

संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया

भारत ने कहा है कि अपनी अध्यक्षता में स्टार्टअप्स और इनोवेशन, पारंपरिक औषधि, डिजिटल समावेशन, युवा अधिकारिता और साझा बोद्ध विरासत जैसे सहयोग के नए स्तंभ स्थापित किए हैं। इसके अलावा भारत ने लोगों के बीच अधिक से अधिक संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया है जो हमारे देशों के बीच ऐतिहासिक और सभ्यतागत बंधनों का जश्न मनाते हैं। इनमें 2022-23 के लिए पहली बार एससीओ सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी के ढांचे के तहत वाराणसी द्वारा आयोजित विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि भारत 2005 में एससीओ में शामिल हुआ और 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में समूह का पूर्ण सदस्य बन गया। पिछले छह वर्षों में, भारत ने सभी एससीओ परिचालनों में सक्रिय और सकारात्मक भूमिका निभाई है।

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