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लंबे स्वस्थ जीवन के लिए टीकाकरण जरूरी : विशेषज्ञ

नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। बच्चों और वयस्कों के लिए समय पर टीकाकरण की जरूरत पर जोर देते हुए विशेषज्ञों ने गुरुवार को कहा कि स्वस्थ और पौष्टिक भोजन और व्यायाम के अलावा, टीके लंबे जीवन के पोषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह को 24 से 30 अप्रैल के बीच विश्व टीकाकरण सप्ताह के रूप में चिह्न्ति किया है। इस वर्ष की थीम सभी के लिए लंबा जीवन है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, सप्ताह का उद्देश्य आवश्यक सामूहिक कार्रवाई को उजागर करना और सभी उम्र के लोगों को बीमारी से बचाने के लिए टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसका अनुमान है कि समय पर टीकाकरण से दुनिया भर में लगभग 1.5 मिलियन मौतों को रोका जा सकता है। पोलियो और चेचक जैसी कई बीमारियों को मिटाने में टीकाकरण सफल साबित हुआ है। टीकाकरण ने दस्त, खसरा, निमोनिया जैसे संक्रामक रोगों से जुड़ी बीमारी और मृत्यु को रोकने में मदद की है, और इसके परिणामस्वरूप शिक्षा और आर्थिक विकास में भी उच्च लाभ हुआ है। हाल ही में, कोविड-19 के खिलाफ विकसित शॉट्स भी अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम को कम करने में कारगर साबित हुए हैं। सीएमआरआई, कोलकाता के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राजा धर ने आईएएनएस को बताया, टीकों ने अपनी प्रभावशीलता बार-बार साबित की है और आज के समय में टीकाकरण करने वाले लोगों के पास बेहतर जीवन जीने की संभावना है। मुंबई स्थित पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अगम वोरा ने कहा, टीके सबसे महत्वपूर्ण निवारक उपाय हैं जो दीघार्यु में भी मदद करते हैं और रुग्णता दर को कम करते हैं। टीकों के बारे में बात करने का यह सबसे अच्छा समय है, क्योंकि 29 से अधिक वैक्सीन-रोकथाम योग्य संक्रमण मौजूद हैं। जब टीकाकरण समय पर दिया जाता है, तो प्रतिरक्षा मजबूत हो जाती है। हालांकि, महामारी से संबंधित व्यवधानों, टीकों तक पहुंच में बढ़ती असमानताओं और नियमित टीकाकरण से संसाधनों के विचलन ने बहुत से बच्चों को खसरा और अन्य टीका-रोकथाम योग्य बीमारियों से सुरक्षा के बिना छोड़ दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि जहां बच्चों का टीकाकरण कराना चर्चा का एक सामान्य विषय है, वहीं वयस्क टीकाकरण भी समय की मांग है। --आईएएनएस एसजीके

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