तमिलनाडु का आदिवासी परिवार बीमार महिला को कपड़े के पालने में बिठाकर अस्पताल ले जाने को मजबूर

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चेन्नई, 12 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु में अनामलाई टाइगर रिजर्व (एटीआर) के पास इसलाट्ट में खराब बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण एक आदिवासी परिवार को एक बीमार महिला को मुख्य बस्ती के एक सामान्य अस्पताल में कपड़े के पालने में बिठाकर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। आदिवासी नेता मधुसूदनन के अनुसार, इसलाट्ट में समुदाय को एम. मयम्मल (54) को कपड़े के पालने में एटीआर के माध्यम से जल्लीपट्टी के सरकारी अस्पताल में ले जाना था। जबकि आदिवासी बस्ती एटीआर में एक पहाड़ी के ऊपर है, जल्लीपट्टी में अस्पताल तलहटी से 5 किमी नीचे है। मधुसूदनन, जो मयम्मल के परिवार के साथ उसे जलिप्पती ले गए, उन्होंने कहा कि जिस सड़क से वे गुजरे, वह चट्टानों और गड्ढों से भरी थी और जगह-जगह फिसलन भरी थी। हालांकि, वे उसे सुरक्षित अस्पताल ले जाने में कामयाब रहे जहां उसका इलाज चल रहा है। आदिवासी कॉलोनी के एक अन्य व्यक्ति आर. मुथुस्वामी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यहां कोई संपर्क सड़क नहीं है और न ही हमारे पास लोगों की तत्काल चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए पीएचसी है। बीमार व्यक्ति को इलाज के लिए तलहटी में ले जाना मुश्किल है और फिसलने की संभावना अधिक है। वन विभाग को एक नई सड़क बनवानी चाहिए ताकि कम से कम मेडिकल इमरजेंसी के लिए वाहनों की आवाजाही हो सके। संपर्क करने पर वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मयम्मल की आदिवासी बस्ती टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में है और सड़क काटने की अनुमति मिलना बहुत मुश्किल है। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे सड़क काटने का प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे। यह ध्यान दिया जा सकता है कि एटीआर में गहरी इसलाट्ट बस्ती में 70 परिवार हैं और यदि कोई अस्वस्थ हो जाता है और बिस्तर पर पड़ जाता है, तो कपड़े के पालने पर ले जाना ही एकमात्र विकल्प है। --आईएएनएस एसकेके/एएनएम

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