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पंचकूला के पारस अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश

--विधानसभा स्पीकर ने मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र --जांच में साबित हुए तय मानकों से अधिक वसूली --प्रदेश के सभी अस्पतालों की ऑडिट करवाने की मांग चंडीगढ़, 18 मई (हि. स.)। हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कोरोना मरीजों से अधिक वसूली के आरोप में पंचकूला के पारस अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। स्पीकर ने तीन अलग-अलग मरीजो से अधिक पैसा वसूलने को लेकर जांच करवाई ओर जांच में आरोप साबित होने के बाद यह सिफारिश की है। मंगलवार की रात चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि उनके पास बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें पहुंची हैं। जांच में शिकायतें सही पाई गईं। गुप्ता ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को चिट्ठी लिख ऐसे अस्पतालों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। मामला विधान सभा की स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी विषय समिति के संज्ञान में भी लाया जाएगा। गुप्ता ने बताया कि सबसे अधिक शिकायतें पंचकूला के पारस अस्पताल के खिलाफ आई। उन्होंने जिला प्रशासन की संयुक्त समिति के माध्यम से इसकी जांच करवाई। विशेषकर सरकारी कर्मचारियों और बीमित व्यक्तियों के बिलों में बड़ी धांधलियां कर सरकार और बीमा कंपनियों को मोटी चपत लगाई जा रही है। अनेक दवाओं के दाम 3 गुणा तक वसूले जा रहे हैं। उन्होंने बताया की जोग ध्यान नामक व्यक्ति के उपचार के बदले अस्पताल प्रबंधन ने 7 लाख 59 हजार 831 रुपये का प्रोविजनल बिल थमा दिया। इसमें से 2 लाख 95 हजार रुपये का भुगतान भी हो गया। पीड़ित की शिकायत पर जब जांच करवाई गई प्रबंधन ने आनन-फानन में बिल में 4 लाख 69 हजार 221 रुपये की कटौती कर दी। अब अस्पताल ने 2 लाख 90 हजार 610 रुपये का बिल बनाया है। ऐसे कई मामले साबित हो चुके हैं। जांच कमेटी की सिफारिशों के आधार ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिख कर अनुशंसा की कि प्रदेश के ऐसे सभी अस्पताल के बिलों का ऑडिट करवाकर यह पता लगाना चाहिए कि ये मरीजों को व्यक्तिगत रूप से अधिक वसूली के साथ-साथ सरकार और बीमा कंपनियों को कितनी चपत लगा रहे हैं। उन्होंने ऐसे अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त करने को भी कहा है। हिन्दुस्थान समाचार/संजीव

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