left-and-naxalites-are-not-farmers-responsible-for-lakhimpur-kheri-violence-rss-affiliated-farmers39-union-alleges
left-and-naxalites-are-not-farmers-responsible-for-lakhimpur-kheri-violence-rss-affiliated-farmers39-union-alleges

लखीमपुर खीरी हिसा के लिए किसान नहीं वामपंथी और नक्सली जिम्मेदार : आरएसएस से जुड़े किसान संघ का आरोप

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर ( आईएएनएस)। संघ परिवार से जुड़े किसान संगठन ने लखीमपुर खीरी में हुई घटना को निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए आरोप लगाया है कि घटना में लिप्त लोग किसान नहीं थे। आईएएनएस से बातचीत करते हुए भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बद्रीनारायण चौधरी ने यह आरोप लगाया कि लखीमपुर में वामपंथी तरीकों से घटना को अंजाम दिया गया और घटना में लिप्त लोग किसान नहीं बल्कि विविध राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता थे। आईएएनएस से बातचीत करते हुए संघ परिवार से जुड़े भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महामंत्री ने कहा कि लखीमपुर में जिस तरह से लाठियों से पीट-पीटकर लोगों की निर्मम हत्या की गई , वो कम से कम किसान तो नहीं कर सकते। उन्होंने इसके लिए वामपंथी और नक्सली ताकतों को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि ये सब राष्ट्रविरोधी ताकते हैं, इसलिए भारतीय किसान संघ इस कृत्य की भर्त्सना करता है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करता है ताकि अपराधियों को कठोर से कठोर दंड दिया जा सके। बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि कानून हाथ में लेना, सरेआम हत्याएं कराना, ऐसा लगता है कि प्रोफेशनल जल्लादों ने यह काम किया है। उन्होने इस पूरे मामले की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच करवा कर, जिम्मेदार लोगों को कठोरतम दंड देने की मांग की है। बद्रीनारायण चौधरी ने आरोप लगाया कि यह सियासत करने वाले तथाकथित किसानों और किसान नेताओं का कृत्य है, जिसको देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी। इस तरह की घटना होने की आशंका पहले ही जताने का दावा करते हुए भारतीय किसान संघ के नेता ने कहा कि संघ ने भी एमएसपी के मुद्दें पर 8 सितंबर को देशव्यापी आंदोलन किया था। जिस आंदोलन में देशभर के 97 हजार किसानों ने देश के 513 जिलों पर धरना-प्रदर्शन किया जो पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा था। भारतीय किसान संघ ने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को जल्द से जल्द न्याय देने की मांग भी की है। --आईएएनएस एसटीपी/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in