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जम्मू-कश्मीर के एलजी ने वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में 20,000 पीआरआई सदस्यों को किया संबोधित

जम्मू, 29 मार्च (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को एक वर्चुअल पीआरआई सम्मेलन के दौरान केंद्र शासित प्रदेश के 20,000 पंचायती राज संस्थानों (पीआरआई) के सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं को ग्रामीण निर्माण एवं विकास कार्यक्रमों की नींव बताते हुए कहा कि शासन में नीति से लेकर सेवा प्रदान करने तक व्यवस्था की जीवित कोशिकाओं के रूप में कार्य करते हैं। उन्होंने कहा, पीआरआई को मजबूत करके हम वास्तव में ग्राम स्वराज के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक अधिक प्रभावी प्रणाली को सशक्त बना रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि पीएम के मार्गदर्शन में वे एक समावेशी समाज के निर्माण के लिए पीआरआई की जड़ों को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारा प्रयास ग्रामीण और शहरी के बीच की खाई को दूर करना है, ताकि जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक के घर और दिल तक समृद्धि पहुंचे। पीआरआई को एक साझा मंच पर लाने के लिए की गई पहल की सराहना करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि पीआरआई प्रतिनिधियों की अभूतपूर्व भागीदारी पीआरआई को अधिक सशक्त, भागीदारी और जीवंत बनाने के लिए सरकार के अथक प्रयासों को दर्शाती है। उन्होंने कहा, मैंने देखा है कि तीन एफ - निधियों, कार्यो और पदाधिकारियों के प्रभावी हस्तांतरण ने शासन और लोक कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पंचायतों की केंद्रीयता स्थापित की है। यह प्रभावी सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण लाएगा, साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि तीव्र आर्थिक विकास का लाभ वास्तव में कतार में अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। सिन्हा ने कहा कि स्थानीय आबादी की जरूरतों के अनुसार उनकी विकास योजनाओं को विकसित करने के लिए पीआरआई को धन भी प्रदान किया जा रहा है। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम

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