गाजीपुर मुर्गा मंडी मामले में सुनवाई 19 जनवरी तक स्थगित
नई दिल्ली, 12 जनवरी (हि.स.)। बर्ड फ्लू की वजह से गाजीपुर मुर्गा मंडी में मुर्गों का कत्ल रोकने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कृषि बोर्ड ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि फिलहाल गाजीपुर मंडी बंद है। उसके बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले पर सुनवाई 19 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। कोर्ट ने कहा कि 19 जनवरी को इस मसले से जुड़ी मुख्य याचिका पर सुनवाई करेगा। पशुओं के अधिकार के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ता गौरी मुलेखी ने दायर याचिका में कहा है कि बिना किसी इंफ्रास्ट्रक्चर और लाइसेंस के गाजीपुर मुर्गा मंडी में पक्षियों को मारने से बर्ड फ्लू और बढ़ने का खतरा है। याचिका में कहा गया है कि गाजीपुर मुर्गा मंडी में साफ-सफाई का बेहद अभाव है । ऐसे में अगर मुर्गा मंडी में ही पक्षियों को मारा गया तो मुर्गा मंडी बर्ड फ्लू का हॉट स्पॉट साबित हो सकता है। इससे आम लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। गौरी मुलेखी ने हाईकोर्ट में पहले भी याचिका दायर कर रखी है, जिसमें गाजीपुर मुर्गा मंडी में मुर्गा काटने पर रोक लगाने की मांग की गई है। उनकी याचिका में कहा गया है कि गाजीपुर मुर्गा मंडी में रोजाना करीब ढाई लाख मुर्गों को काटा जाता है, जो प्रिवेंशन ऑफ क्रूएल्टी टू एनिमल्स एक्ट और दूसरे कानूनों का उल्लंघन है। गौरी मुलेखी की नई याचिका में कहा गया है कि देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू ने पांव पसार लिये हैं। इसकी वजह से राजस्थान, केरल, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में हजारों की तादाद में पक्षियों की मौत हो गई। केंद्र सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया है। याचिका में कहा गया है कि गाजीपुर मुर्गा मंडी में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से बड़ी संख्या में मुर्गे आते हैं। इसके पहले गाजीपुर मुर्गा मंडी दिल्ली में बर्ड फ्लू का एक बड़ा केंद्र बन गया था । इसकी बड़ी वजह थी कि दूसरे राज्यों से बेरोकटोक रोजाना मुर्गों काे लाया आना। गाजीपुर मुर्गा मंडी में लाए जाने वाले मुर्गों की बीमारियों की जांच भी नहीं की जाती है और उनका कोई रिकार्ड भी नहीं रखा जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in