health-supplement-and-ayush-kit-to-26-women-workers-of-haryana-working-in-beedi-workers-and-brick-kilns
health-supplement-and-ayush-kit-to-26-women-workers-of-haryana-working-in-beedi-workers-and-brick-kilns

बीड़ी श्रमिक व ईंट भट्ठे में काम करने वाली हरियाणा की 26 महिला श्रमिकों को स्वास्थ्य पूरक व आयुष किट

नई दिल्ली, 8 मार्च (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ईंट भट्ठा व बीड़ी उद्योग में काम करने वाली महिला श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य और पोषण जांच शिविर की पहल में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री शामिल हुए। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने मंगलवार को दिल्ली में स्वास्थ्य व पोषण जांच शिविर की पहल की मेजबानी की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति जूबिन इरानी ने की। वहीं, श्रम एवं रोजगार और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला श्रमिकों के बीच स्वस्थ भारत की सोच को बढ़ावा देने और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को स्वीकार करने के लिए एक स्वास्थ्य व पोषण जांच शिविर का आयोजन किया गया। भूपेन्द्र यादव ने असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों में पेशेवर रोगों का पता लगाने पर जोर दिया। जोखिम से भरे काम के माहौल के संपर्क में आने वाली महिला श्रमिकों के विभिन्न पेशेवर रोगों और कई बृहद व सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से पीड़ित होने की आशंका होती है। ईंट भट्ठा उद्योग और बीड़ी उद्योग में काम करने वाली महिला श्रमिकों में आयरन की कमी होने की आशंका अधिक होती है, इसलिए समय के साथ उनमें खून की कमी (एनीमिया) हो जाती है। भारत में एनीमिया स्वास्थ्य से संबंधित एक प्रमुख चिंता है। विशेष रूप से निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर की महिलाओं में एनीमिया होने का खतरा अधिक होता है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की कोशिशों का भी उल्लेख किया। उन्होंने समान काम के लिए समान वेतन की सोच के साथ नीतियां बनाने का अनुरोध किया। मंत्री ने आगे कहा कि दोनों मंत्रालयों के बीच सहभागिता से हमारे देश की महिला कार्यबल की समस्याओं का समाधान हो सकता है। इरानी ने महिला कामगारों की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार की कई महिला केंद्रित प्रमुख योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने वन स्टॉप सेंटर योजना के जरिए असंगठित क्षेत्र की महिला श्रमिकों को सहायता प्रदान करने के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के साथ सहभागिता के विचार को भी बढ़ावा दिया। इस योजना को पूरे देश के 704 जिलों में लागू किया गया है। उल्लेखनीय है कि किसी भी प्रमुख पेशेवर रोग का जल्द पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ईएसआईसी और श्रम कल्याण विभाग की सहायता से भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने एक स्वास्थ्य व पोषण जांच शिविर का आयोजन किया। इस पहल से समग्र उत्पादकता में सुधार के लिए कामकाजी महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त करने में सुविधा होगी। इस शिविर के दौरान प्रतिभागियों के लिए हेल्थ प्रोफाइल कार्ड भी बनाए गए। वहीं, अगले 6 महीनों तक प्रतिभागियों की लगातार निगरानी की जाएगी। इसके अलावा निवारक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए अजमेर (राजस्थान) की 20 व उत्तर प्रदेश की 22 महिला बीड़ी श्रमिकों के साथ ईंट भट्ठे में काम करने वाली हरियाणा की 26 महिला श्रमिकों को स्वास्थ्य पूरक व आयुष किट भी वितरित की गईं। इन सभी ने इस कार्यक्रम का हिस्सा लिया था। --आईएएनएस पीटीके/एएनएम

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in