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Gyan Ganga: हनुमानजी ने ब्रह्मास्त्र की मर्यादा का सम्मान क्यों रखा था?
मेघनाद और श्रीहनुमान जी के मध्य विकराल युद्ध आरम्भ हो गया। दोनों लड़ते हुए ऐसे प्रतीत हो रहे थे, मानो कोई दो गजराज भिड़ पड़े हों। दोनों के पाँव धरती को अथाह बल से रगड़ रहे थे। और वाटिका में उस स्थान का घास मानो किसी चटनी की भाँति मसला क्लिक »-www.prabhasakshi.com