नई दिल्ली, रफ्तार। नए साल की शुरुआत के साथ श्री जगन्नाथ मंदिर के कपाट खुले हैं। पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मंदिर प्रशासन ने प्रवेश के लिए 1 जनवरी से ड्रेस कोड भी अनिवार्य किया है। नए आदेशों के मुताबिक अब 12वीं सदी के इस मंदिर में गुटखा और पान खाने से लेकर प्लास्टिक और पॉलिथीन के उपयोग पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के अधिकारी ने बताया कि भक्तों को मंदिर में प्रवेश करने के लिए सभ्य कपड़े पहनने होंगे। मंदिर में भगवान के दर्शनों के लिए हाफ पैंट, शॉर्ट्स, फटी जींस, स्कर्ट एवं स्लीवलेस ड्रेस पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं को प्रवेश की मंजूरी नहीं मिलेगी।
धोती-तौलिया पहन दर्शन करने पहुंचे पुरुष
नियम लागू होने के साथ सोमवार को भगवान के दर्शन के लिए आने वाले पुरुष श्रद्धालुओं को धोती और तौलिया पहने दिखे। महिलाएं साड़ी-सलवार कमीज पहनी थीं। पहले दिन भगवान के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने पहले भी इससे संबंधित आदेश जारी किया था। पुलिस से प्रतिबंध लागू कराने के लिए अपील की गई थी। अधिकारी ने कहा, मंदिर परिसर में गुटखा-पान पर प्रतिबंध इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिहाज से लागू किया जा रहा है। कहा, नियम नहीं मानने वालों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
नए साल के दिन समुद्र तटीय तीर्थ नगरी, पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शनों के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं। इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। इस बार भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सभी एहतियातन कदम पुलिस-मंदिर प्रशासन द्वारा उठाए गए हैं। पुरी पुलिस समर्थ वर्मा ने एक्स पर पोस्ट किया-दोपहर 12 बजे (सोमवार को) तक 1.80 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान श्री जगन्नाथ धाम के दर्शन किए हैं। दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हुई।
उज्जैन महाकाल मंदिर में पहले से ड्रेस कोड लागू
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में भी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू है। पिछले साल ही मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड निर्धारित किया है। इसके तहत पुरुषों को धोती-सोला पहनना होगा। महिलाओं को साड़ी पहननी है। गी। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अनुसार विशेष दिनों यानी जब आम श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश बंद होता है, तब ड्रेस कोड अनिवार्य होता है। मतलब गर्भगृह में प्रवेश करने वालों को धोती और सोला पहनेंगे। अब तक आम दिनों में सभी श्रद्धालुओं को सामान्य कपड़ों में प्रवेश दिया जा रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। गर्भगृह खुलने के बाद आम श्रद्धालुओं को भी धोती-सोला पहनने के बाद ही प्रवेश मिल सकेगा। महिलाओं के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य है।
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