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बंगाल : लाकडाउन में लाखों लोगों का रोजगार छिना, बेरोजगारी दर में बेतहाशा वृद्धि

कोलकाता, 05 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भले ही रोजगार सृजन के लाख दावे करती हैं लेकिन हकीकत इसके विपरीत है। यहां पिछले दो सालों में बेरोजगारी दर दोगुनी से भी अधिक बढ़ी है। गत वर्ष लॉकडाउन के कारण बंगाल में लाखों लोग बेरोजगार हुए थे। वहीं इस वर्ष गत 15 मई से लॉकडाउन है और मौजूदा समय में ‘सख्ती’ का पालन राज्य सरकार करवा रही है। ऐसे में गत वर्ष मई महीने की तुलना में इस वर्ष बेरोजगारी दर में लगभग दो फीसद का इजाफा हुआ है। वर्ष 2020 में भी मई महीने में लॉकडाउन था। उस समय बंगाल की बेरोजगारी दर 17.4 फीसद थी। वहीं इस वर्ष मई महीने में बंगाल की बेरोजगारी दर 19.3 फीसद है। इस बार बेरोजगारी दर में लगभग दो फीसद की वृद्धि हुई है। सीएमआईई के कोलकाता ब्रांच के मैनेजर कुंतल साहा ने बताया कि देश में इस साल कुल 2.23 करोड़ लोगों की नौकरी छिन गई। सबसे अधिक दिहाड़ी मजदूरों को काम से हाथ धोना पड़ा है। इसके बाद व्यवसाय करने वाले और फिर नौकरीपेशा लोगों का रोजगार छिना है। देश में एक करोड़ 72 लाख दिहाड़ी मजदूरों का काम चला गया जबकि 57 लाख व्यवसायियों का व्यवसाय बंद हो गया। इसी तरह नौकरीपेशा में 32 लाख लोगों की नौकरियां देश भर में गई हैं। अकेले पश्चिम बंगाल में करीब सात लाख लोगों ने अपना रोजगार खोया है। लॉकडाउन के समय करीब 12 लाख लोग दूसरे राज्यों से बंगाल लौटे थे। इस बार भी जब लॉकडाउन हुआ है तो बड़े पैमाने पर बंगाल के लोग लौट रहे हैं और दूसरे राज्यों में काम की तलाश में भी जा रहे हैं। पैन इंडिया बेस्ड जॉब कंसल्टेंट कंपनी की ओर से बताया गया कि इस बार लॉकडाउन में पिछले साल जैसी स्थिति नहीं है। पिछले वर्ष बिल्कुल ओपनिंग ही नहीं थी जबकि इस बार ओपनिंग आ रही है। उन्होंने कहा कि कोलकाता के मार्केट में कुछ कम ओपनिंग है, लेकिन बंगलुरू, दिल्ली, मुंबई में ठीक-ठाक ओपनिंग आ रही है। भाजपा ने ममता को ठहराया जिम्मेदार इधर इस बेरोजगारी के लिए भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है। पार्टी के प्रदेश महासचिव राहुल सिन्हा ने कहा है कि जबसे ममता बनर्जी शासन में आई हैं उसके बाद से बंगाल में उद्योग धंधे बंद हो गए हैं और नए निवेश भी नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो छोटे-मोटे कारोबारी यहां उद्योग आदि स्थापित करते हैं उनसे ममता बनर्जी के गुर्गे कटमनी मांगते हैं जिसके कारण लोग यहां रोजगार सृजन से कतरा रहे हैं। इसलिए जब से ममता शासन में हैं तब से लगातार यहां बेरोजगारी दर बढ़ रही है। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश/मधुप

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