Weather Update: उत्तराखंड के कई जिलों में 29 अप्रैल तक बारिश और बर्फबारी की संभावना : मौसम विभाग

Weather Update: राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की से सामान्य बारिश होनी की संभावना है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होगी। अन्य दिनों में भी यही स्थिति रहेगी।
कई जिलों में 25 से 29 अप्रैल तक बारिश और बर्फबारी की संभावना
कई जिलों में 25 से 29 अप्रैल तक बारिश और बर्फबारी की संभावना

देहरादून, एजेंसी। प्रदेश में मौसम विभाग ने 25 से लेकर 29 अप्रैल तक का पूर्वानुमान जारी किया है। आमतौर पर इन पांच दिनों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और कहीं-कहीं पर बारिश होने की संभावना जताई है। मैदानी क्षेत्रों में आमतौर मौसम शुष्क रहेगा।

बारिश अथवा बर्फबारी होने की संभावना

मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने मंगलवार को बताया कि उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की से बहुत हल्की बारिश या गरज के साथ बारिश अथवा बर्फबारी होने की संभावना है। मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा। 26 अप्रैल को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जनपदों में कहीं-कहीं हल्की बारिश अथवा बर्फबारी होगी। शेष जनपदों में मौसम शुष्क रहेगा।

29 अप्रैल को बर्फबारी होने की संभावना

उन्होंने बताया कि 35 सौ मीटर या इससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। 27 अप्रैल को पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं कहीं हल्की बारिश या गरज के साथ बारिश अथवा बर्फबारी होगी जबकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। 28 अप्रैल को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में कुछ स्थानों और शेष पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं कहीं हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है जबकि 29 अप्रैल को इन्हीं जनपदों में हल्की से मध्यम बारिश अथवा बर्फबारी होने की संभावना है।

बिजली का संचालन करने वाली वस्तुओं से दूर रहें

राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की से सामान्य बारिश होनी की संभावना है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होगी। अन्य दिनों में भी यही स्थिति रहेगी। मौसम विभाग ने 25 से 29 अप्रैल तक लोगों को सलाह देते हुए कहा है कि इस समय गरजन के दौरान बिजली का संचालन करने वाली वस्तुओं से दूर रहें। आकाशीय बिजली और गर्जन के दौरान जानवरों को बाहर ने बांधें और तेज हवा के समय पेड़ों, असुरक्षित स्थानों की शरण न लें। पेड़ों को ओलों से बचाने के लिए ओलों के जाल का प्रयोग करें ताकि अनावश्यक रूप से क्षति न हो।

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