फर्जी प्रमाण पत्र मामले की दोबारा जांच के आदेश

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देहरादून, 13 मार्च (हि.स.)। नगर निगम ने शनिवार को टेंडर के लिए नकली प्रमाण पत्र जारी करने तथा मैसर्स सनलाइट कंपनी को अनुचित फायदा पहुंचाने के मामले में दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। नगर आयुक्त ने इस बार मामले की जांच के लिए शहरी विकास निदेशालय को पत्र भेजा है। आरोप है कि नगर निगम के कुछ अधिकारी दोषियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वजह से नगर आयुक्त ने बाहर से जांच कराने के आदेश दिए हैं। विगत माह नगर निगम ने मैसर्स सनलाइट और मैसर्स भार्गव फैसिलिटी सर्विसेज कंपनी को 15-15 नए वार्डों से घर-घर कूड़ा उठाने की निविदा दी थी। इसमें शर्त थी कि कंपनी को पांच साल का अनुभव होना चाहिए। दोनों फर्मों ने अपर आयुक्त आरके सिंह द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया। इसमें कहा गया कि इन फर्मों ने जनवरी 2015 से नगर निगम देहरादून के लिए नियमित ढाई सौ मीट्रिक टन कूड़ा उठाने का कार्य किया है। इस प्रमाण पत्र के बाद ही इन्हें निविदा दी गई, लेकिन हरिद्वार नगर निगम में इसी प्रमाण पत्र के आधार पर इन फर्मों ने काम चाहा वहां यह दोनों कंपनियां फंस गई। इस संदर्भ में आईएएस एवं नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे का कहना है कि इस मामले की एक बार जांच हो चुकी है। संतुष्टि के लिए दोबारा जांच कराई जाएगी, ताकि किसी प्रकार की कोई शंका न रह जाए। हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/मुकुंद

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