कोरोन सेंटरों की संख्या बढ़ाये जाने और सभी आयु के लोगों का टीकाकरण किए जाने की मांग

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ऋषिकेश, 15 अप्रैल (हि.स.)। देशभर के साथ उत्तराखंड में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते महाकुंभ 2021 के दौरान कुंभ क्षेत्र ऋषिकेश में संतों व धर्माचार्यों ने बाहर से आने वाले यात्रियों व पर्यटकों का टेस्ट सख्ती से किए जाने, कोरोन सेंटरों की संख्या बढ़ाये जाने एवं सभी आयु के लोगों का टीकाकरण किए जाने की मांग की है। वहीं स्थानीय प्रशासन ने ऋषिकेश कुंभ क्षेत्र में कोविड-19 के दौरान आने वाले यात्रियों तथा पर्यटकों के नगर प्रवेश पर ही सभी का आरटी पीसीआर टेस्टिंग के बाद ही अपने गंतव्य तक जाने की व्यवस्था भी किये जाने का दावा किया है। षड्दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के महंत बाबा भूपेंद्र गिरी ने सरकार से मांग की है कि क्षेत्र में आने वाले सभी यात्रियों व पर्यटकों के लिए कोरोना टेस्टिंग सेंटरों की सार्वजनिक स्थानों पर संख्या बढ़ाई जाने के अतिरिक्त कोरोना टेस्टिंग के बाद उन्हें जल्द रिपोर्ट देने की व्यवस्था की जाए। उनका कहना था कि कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद जहां भी लोगों को क्वारंटाइन किया जाए, वहां अच्छा खाने-पीने के साथ सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि मां गंगा के पावन तट हरिद्धार व ऋषिकेश में इस वर्ष पवित्र कुम्भ मेला, फिजिकल डिस्टेंसिंग और हेल्थ प्रोटोकॉल के साथ संपन्न हो रहा है। कुंभ मेले के दौरान पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए लाखों श्रद्धालु एकत्र हो रहे हैं। ऐसे में विशेष रूप से फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना और साबुन व पानी के साथ थोड़ी-थोड़ी देर बाद हाथ धोना आदि बातों का ध्यान रखना होगा। कोशिश करें कि इस बार कुम्भ मेले में बड़े बुजुर्ग और छोटे बच्चों को लेकर न आयें। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि कुम्भ जैसे दिव्य आयोजन, आध्यात्मिकता, पवित्रता, दिव्यता और सर्वे भवन्तु सुखिनः के उद्देश से किये जाते हैं। चूंकि इस समय चारों ओर कोरोना वायरस का प्रकोप है, ऐसे में हेल्थ प्रोटोकॉल और कोविड मानकों का पालन करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुम्भ, भारत की आध्यात्मिक और सनातन परम्परा है। कुम्भ विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला है, जो सदियों से चला आ रहा है। कुम्भ ने पूरे विश्व को विश्व बन्धुत्व का संदेश दिया। हमें अपनी जड़ों से जुड़ने का; भारतीय संस्कृति को जानने और जीने का तथा अपनी गौरवशाली आध्यात्मिक परम्परा एवं गौरवमयी संस्कृति को आत्मसात करने का अवसर प्रदान किया है। यह केवल अमृत कुम्भ ही नहीं बल्कि हमें ’’अमृतस्य पु़त्राः’’ कि हम अमृत के पुत्र हैं इस भाव को जानने और जीने का भी संदेश दिया है। वास्तव में कुम्भ का तात्पर्य कलश से है तथा कलश परिपूर्णता का प्रतीक है अर्थात जीवन की परिपूर्णता ही कुम्भ की दिव्यता है। कैलाश आश्रम उत्तरकाशी के सिद्धेश्वर महाराज का कहना था कि कुंभ मनाए जाने के पीछे दैत्य व देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन से निकले अमृत के बंटवारे को लेकर हुए विवाद की कथा जुड़ी है और तभी से ही भारत के चार प्रमुख स्थानों पर कुंभ का आयोजन हो रहा है। सरकार द्वारा जो व्यवस्था की जा रही है ,वह काफी हद तक अच्छी है लेकिन कोरोना महामारी के मध्य नजर सरकार को एक सुझाव देना चाहता हूं। कुंभ हमारे सनातन धर्म की आस्था का प्रतीक है। इसलिए कुंभ मनाया जाना जरूरी है ,लेकिन आस्था के साथ-साथ सावधानियां भी जरूरी हैं। कुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ,भक्तों को भी सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन सामाजिक दूरी व मास्क का विशेष ध्यान देना जरूरी होगा। इसी के साथ 1 अप्रैल से प्रारंभ किये गये टीकाकरण के दूसरे चरण के दौरान ऋषिकेश तीर्थ नगरी में 45 साल से ऊपर के उम्रदराज लोगों को टीके लगाए जाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। जिसके संबंध में उप जिलाधिकारी वरुण चौधरी ने टीकाकरण के दौरान सतर्कता बरतते हुए केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए 2 गज की दूरी मास्क जरूरी, के स्लोगन के साथ अभियान को आगे बढ़ा जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में रेलवे स्टेशन ,त्रिवेणी घाट पर भी रेंडम टेस्टिंग की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। इस कार्य के लिए आरटी-पीसीआर की चार टीमें और कार्य कर रही है। राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के टीकाकरण के नोडल अधिकारी एसएस यादव ने बताया कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है, जो सभी को लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के प्रथम चरण में कोरोना काल के दौरान फ्रंट लाइन पर कार्य करने वाले चिकित्सक ,आशा कार्यकर्ता, पुलिस, सफाई कर्मचारी व तहसील कर्मचारी को लगाया गया। उन्होंने यह भी बताया जल्द ही सभी व्यापारियों के टेस्ट भी कराए जाएंगे जो व्यापारी रैपिड टेस्ट नहीं कराएंगे उनकी आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए जाएंगे। यादव ने बताया कि 1 अप्रैल को जो लोग 45 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके हैं उनके लिए टीकाकरण अभियान प्रारंभ है। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम

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