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वृंदावन : भगवान गोदारंगमन्नार के रथ को खींचने उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

- चंदन के विशाल रथ पर निकले भगवान रंगनाथ, रथ खींचकर भक्त हुए धन्य मथुरा, 04 अप्रैल (हि.स.)। वृंदावन में रंगनाथ मंदिर में चल रहे ब्रह्मोत्सव में रविवार को भगवान श्रीगोदारंगमन्नार विशालकाय रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकले। वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य जब आराध्य रथ में विराजमान हुए तो भक्तों के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। करीब 50 फीट ऊंचे इस रथ को खींचने के लिए सैकड़ों भक्तों ने जोर लगाया। गौरतलब हो कि, रंगनाथ मंदिर में चल रहे दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव के अंतर्गत भगवान गोदारंगमन्नार जहां प्रतिदिन प्रातः एवं सायंकाल स्वर्ण-रजत के दिव्य वाहनों पर विराजमान होकर मंदिर से रंगजी के बड़े बगीचा तक भ्रमण कर रहे हैं। ब्रह्मोत्सव के सातवें दिन रविवार को रथ मेला का आयोजन किया गया। जिसमें शामिल होने के लिए उप्र के अलावा राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली आदि से श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे। रथ की सवारी का शुभारंभ प्रातःकाल मंदिर के सेवायतों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य विधिविधान से पूजन कर ठाकुरजी को रथ में विराजमान कर किया गया। प्रमुख आकर्षण का केंद्र रथ के मेला पर ठाकुरजी ने चंदन की लकड़ी से निर्मित 60 फीट ऊंचे विशालकाय रथ पर विराजमान होकर भ्रमण किया। दक्षिण शैली के वाद्य यंत्रों एवं बैंडबाजों की धार्मिक धुनों के मध्य मंदिर से शुरू हुई रथ की सवारी में ठाकुरजी ने बड़े बगीचा तक आवागमन किया। रथ का मेला देखने के लिए नगर में श्रद्धालु भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। जहां हजारों भक्तों ने विशाल रथ में विराजे ठाकुरजी के दर्शन एवं रथ को खींचकर स्वयं को धन्य किया। इसके साथ ही आनन्दित भक्त जयघोष करने लगे और चहुंओर भगवान रंगनाथ के जयकारों से गूंजने लगे। श्री रंगनाथ मंदिर की मुख्य अधिशासी अधिकारी अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि यह उत्सव ब्रह्मा का बनाया उत्सव है। इसीलिए इसे ब्रह्मोत्सव कहते हैं। इस उत्सव में भगवान भक्तों के बीच जाकर दर्शन देते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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