योगी के निशाने पर रहे विपक्षी दल, भाजपा के विकास कार्यों पर मांगा समर्थन

योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले का उत्तर प्रदेश दंगा प्रदेश था। अब पेशेवर अपराधियों और माफियाओं का हाल तो आप देख ही रहे हैं। प्रदेश का जनमानस सुरक्षित है और विकास के बारे में सोच रहा है।
Yogi Adityanath
Yogi Adityanath

लखनऊ, एजेंसी। निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धुआंधार प्रचार जारी है। उनके प्रचार अभियान का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। उन्होंने शुक्रवार को हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर व गाजियाबाद में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) उम्मीदवारों के पक्ष में रैलियां कीं। यहां उन्होंने हर जिले में प्रदेश सरकार के कराए गए कार्यों को गिनाया तो विपक्षी दलों की तुष्टिकरण नीति पर सवाल भी उठाया। भाजपा को जिताने की अपील की।

प्रदेश के विकास से परिवारवादी और तमंचावादी परेशान : योगी
हापुड़ में भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यहां से कुछ दूरी पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। यह कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा। वैसे तो हापुड़ की अपनी पहचान रही है। कोई भी भोजन हापुड़ के पापड़ के बगैर पूरा नहीं हो सकता है। इसके बिना भोजन का स्वाद ही फीका पड़ जाता है। पिछली सरकारों में जहां हापुड़ अपनी पहचान खो रहा था, वहीं हमारी सरकार ने हापुड़ को फिर से वैश्विक पहचान दिलायी है। यही नहीं गढ़मुक्तेश्वर को एक पवित्र धाम के रूप में विकसित करने के लिए बाबूगढ़ में काम किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की पहली रैपिड रेल दिल्ली से गाजियाबाद हापुड़ होते हुए मेरठ को जोड़ेगी। 12 लेन एक्सप्रेस वे हाईवे ने दिल्ली से मेरठ की दूरी को उसने सीमित कर दिया है।

योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले का उत्तर प्रदेश दंगा प्रदेश था। अब पेशेवर अपराधियों और माफियाओं का हाल तो आप देख ही रहे हैं। प्रदेश का जनमानस सुरक्षित है और विकास के बारे में सोच रहा है। परिवारवाद और तमंचा वादी लोग परेशान हैं। आज हमारा उत्तर प्रदेश पूरे देश का पेट भरने का सामर्थ्य रखता है। देश के सबसे ज्यादा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इसी प्रदेश में हैं।

आपके एक वोट से सुशासन, राष्ट्रवाद और विकास की क्रांति होगी : मुख्यमंत्री
मेरठ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10 मई प्रथम स्वातंत्र्य समर की पावन तिथि है। इसे हम क्रांति दिवस के रूप में मनाते हैं। 11 मई को आपको नगर निकाय चुनाव में भागीदार बनना है। आपका एक वोट नई क्रांति को जन्म देने का है। यह क्रांति सुशासन, विकास और राष्ट्रवाद की होगी। मेरठ में सपा-बसपा, लोकदल व कांग्रेस ने सोतीगंज की कालिख दी थी। जब आपकी अपनी सरकार आई तो सोतीगंज का कलंक समाप्त हुआ। आज मेरठ में शांति व सौहार्द है।

उन्होंने कहा कि 2017 में भी मेरठ नगर निगम का भाजपा बोर्ड बना होता तो मेरठ भी नई आभा के साथ बढ़ रहा होता। हमने पैसे की कमी आड़े नहीं आने दी, लेकिन पैसे का सही उपयोग अत्यंत आवश्यक है। एक तरफ यहां का परंपरागत उद्यम खेल उत्पाद ओडीओपी के जरिए दुनिया में छा रहा है। लोगों को काम और मेरठ को पहचान मिल रही है। मेरठ में प्रदेश का पहला खेल विश्वविद्यालय स्थापित होने जा रहा है। 1857 के प्रथम स्वाधीनता समर में कोतवाल धन सिंह गुर्जर के नेतृत्व में क्रांति की ज्वाला प्रज्ज्वलित हुई थी। उसी का परिणाम है कि देश 1947 में आजाद होता है। यहां के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल को आधुनिक स्वरूप देकर उसका नाम भी धन सिंह के नाम पर रखा।

सपा, बसपा और लोकदल हैं अराजकतावादी पार्टियां : योगी
योगी ने बुलंदशहर में कहा कि सपा, बसपा और लोकदल अवसरवादी और अराजकतावादी पार्टियां हैं। ये दंगे कराती हैं। डबल इंजन की सरकार में विगत छह वर्ष में एक भी दंगा नहीं हुआ। आज प्रदेश में शानदार तरीके कांवड़ यात्रा निकलती है। अब हमारे शहरों की पहचान गंदगी के ढेर के तौर पर नहीं बल्कि स्मार्ट सिटी के तौर पर हो रही है।

बुलंदशहर के पॉटरी उद्योग ने वैश्विक मंच पर अपनी अलग पहचान बनाई है। डबल इंजन की सरकार कल्याण सिंह जी के नाम पर बुलंदशहर में मेडिकल कॉलेज बनवा रही है। आज उत्तर प्रदेश के शहरों में शोहदों का आतंक नहीं है बल्कि उनकी पहचान सेफ सिटी के रूप में हो रही है। पहले तमंचावादी युवाओं के हाथ में तमंचा थमा कर उनका भविष्य बर्बाद करते थे। हमारी सरकार युवाओं को टैबलेट देकर उनका भविष्य संवार रही है।

परिवारवादी जब सत्ता में आते हैं तो हो जाते हैं तमंचावादी : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद के रामलीला मैदान से विपक्षी दलों पर हमलावर रहे। उन्होंने कहा कि जब-जब परिवारवादी लोग सत्ता में आते हैं, तमंचावादी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले गाजियाबाद और पश्चिमी यूपी की हालत किसी से छिपी नहीं थी। बेटियां स्कूल जाने से डरती थीं, महिलाएं बाजार नहीं जा पाती थीं। व्यापारी वर्ग सिर झुका के इस डर के साथ व्यापार करता था कि कोई उनसे रंगदारी न मांग ले। मगर आज परिस्थितियां बदल चुकी हैं।

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