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गौरैया दिवस : मोबाइल टॉवर के रेडिएशन के कारण गौरैयों की संख्या में हो रही कमी

- पक्षियों के संरक्षण के पोस्टर का हुआ विमोचन लखनऊ, 19 मार्च (हि.स.)। विश्व गौरैया दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को निराला नगर के ज्वाला प्रसाद भवन में जेसी फाउण्डेशन की ओर से पक्षियों के संरक्षण का संदेश देने वाला पोस्टर लांच किया गया। इस पोस्टर का विमोचन फाउण्डेशन के अध्यक्ष अशीष अग्रवाल और उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर प्रकृति प्रेमी बेबी स्केच कला संस्था के संस्थापक चित्रकार दीपक सिंह का सम्मान भी किया गया। आशीष अग्रवाल ने बताया कि यह पोस्टर चित्रकार दीपक सिंह ने तैयार किया है। दीपक ने एक ओर जहां पक्षियों को पिंजड़ों की कैद से आजाद करवाया है। वहीं, चित्रकारी कर दूसरों को प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित भी किया है। गौरैया संरक्षण का संदेश देने वाला पोस्टर ज्वाला प्रसाद भवन में आने वाले लोगों को अब निरंतर प्रेरित करेगा। दीपक ने बताया कि “बेबी स्केच ऑफिशियल” नाम से वह फेसबुक पर उपलब्ध है। उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि नासिक निवासी मो.दिलावर ने घरेलू गौरैया पक्षियों की सहायता के लिए नेचर फोरेवर सोसाइटी की स्थापना की थी। इनके इस कार्य को देखते हुए टाइम ने 2008 में इन्हें हिरोज ऑफ दी एनवायरमेंट नाम दिया था। विश्व गौरैया दिवस मनाने की योजना भी उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है। अभिषेक ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि जिस घर में गौरैया आती है वहां हमेशा खुशियों का बसेरा रहता है। वैज्ञानिकों के अनुसार भी गौरैया शहरों में बेतरतीब बढ़ते कीटों पर नियंत्रण रखने का अहम कार्य करती हैं। अत्यधिक कंक्रीट के जंगल और मोबाइल टॉवर के रेडिएशन के कारण गौरैयों की संख्या कम हो रही है। ऐसे में आवश्यकता है कि लोग प्रकृति संतुलन के प्रति जागरुक हों और पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी रख कर उन्हें संरक्षण प्रदान करें। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक

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