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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो.आलोक राय ने कार्यभार संभाला

— बोले, प्रबंधन कौशल व कर्मचारियों के सहयोग से विश्वविद्यालय को विकास पथ पर ले जायेंगे वाराणसी, 23 मई (हि.स.)। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने रविवार को वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण कर लिया। प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने प्रो. राय की नियुक्ति की है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रो.राय ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों के जरिए विश्वविद्यालय को प्रबंधन कौशल व कर्मचारियों के सहयोग से प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विकास पथ पर ले जाया जाएगा। इस संस्था का इतिहास 230 वर्षों का है। यह संस्कृत-संस्कृति और संस्कार को परिष्कृत करने वाली प्राच्य विद्या की गौरवमयी मन्दिर है। यहां पर कुलपति के रूप में दायित्व ग्रहण करते हुये गौरव महसूस हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को करने के लिये तीन तरह की चुनौती है। उन्हें स्वीकार कर सभी लोगों को मिलकर क्रमश:अपने अपने दायित्वों के निर्वहन करने चाहिये । सभी के लोगों के अपने रोल निर्धारित हैं। तभी हम लोग सफल हो पाते हैं। कुलपति प्रो राय ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में अपने संसाधन बनाकर विभिन्न तरह से आय बढ़ाना चाहिये। यह संस्था प्राच्य विद्या का केन्द्र है, यहां से शास्त्रों के विविध आयामों को तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से विश्व पटल पर रखने की आवश्यकता है। इस तरह से अपने वेबसाइट,यूट्यूब चैनल,फेसबुक पेज और ट्विटर अकाउंट आदि को विकसित कर यहां के अमूल्य धरोहर एवं अन्य सूचनाओं को पारदर्शी तरीके से जनोपयोगी बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय में वेबसाइट पर संस्था की सम्पूर्ण सूचना को पारदर्शी बनाकर सभी तरह की उपलब्ध करायी गयी हैं। ये कार्य यूपी के सभी विश्वविद्यालयों के लिये एक रोल मॉडल है। इसके पहले विश्वविद्यालय में पहुंचने पर उनका वैदिक मन्त्रोचार के साथ पुष्प गुच्छ और माला से स्वागत और अभिनंदन किया गया। नवागत कुलपति ने आवास में सभी अध्यापकों,अधिकारियों,कर्मचारियों एवं छात्रों से मुलाकात भी किया। कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व नवनियुक्त कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने निवर्तमान कुलपति प्रो राजाराम शुक्ल के साथ परिसर स्थित माँ वाग्देवी मन्दिर में विधिपूर्वक पूजन अर्चन किया। परिसर में डॉ सम्पूर्णानन्द के मूर्ति पर माल्यार्पण किया। निवर्तमान कुलपति प्रो राजाराम शुक्ल ने अपने तीन वर्षों के कार्यकाल की चर्चा कर कार्य में सहयोग के लिए विश्वविद्वयालय के प्रोफेसरों और कर्मचारियों का आभार जताया। उन्होंने नये कुलपति के सहयोग के लिए भी अपील की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियन्त्रक विशेश्वर प्रसाद,कार्यवाहक कुलसचिव केश लाल,प्रो आशुतोष मिश्र,प्रो हरिप्रसाद अधिकारी,प्रो सुधाकर मिश्र,प्रो रामपूजन पान्डेय,प्रो रमेश प्रसाद,प्रो अमित कुमार शुक्ल आदि भी मौजूद रहे। प्रो. राय को बनारस के शैक्षणिक माहौल की है गहरी जानकारी संम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को बनारस खास कर इस विश्वविद्वयालय के बारे में गहरी जानकारी है। मूल रूप से गाजीपुर के निवासी प्रो. राय बीएचयू के प्रबंध शास्त्र संस्थान के मुख्य रूप से मार्केटिंग के प्रोफेसर हैं। इन्होंने छह किताबें लिखी हैं। चार पुस्तकों का संपादन भी किया है। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 80 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो. राय ने एआईसीटीई और यूजीसी द्वारा वित्त पोषित तीन परियोजनाएं पूरी की हैं। पंजाब के केंद्रीय विश्वविद्यालय में संकाय और वैधानिक पदों के चयन के लिए सदस्य, कार्यकारी परिषद, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और आगंतुक नामिनी हैं। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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