ब्लैक पेपर और वाइट पेपर से जनकल्याण संभव नहीं, मायावती ने उठाया कांशीराम को भी भारत रत्न देने का मुद्दा

Bahujan Samaj Party: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के बीच अगले आम लोकसभा चुनाव से पहले गंभीर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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लखनऊ, (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के बीच अगले आम लोकसभा चुनाव से पहले गंभीर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच ब्लैक पेपर और वाइट पेपर जारी करके एक दूसरे को गलत साबित करने का खेल चुनावी स्वार्थ के सिवाय कुछ भी नहीं है। ऐसी संक्रीर्ण राजनीति से देश व जनहित एवं जन कल्याण कैसे संभव है।

देश के करोड़ों लोग जबरदस्त महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से त्रस्त

खासकर ऐसे समय पर जबकि कुछ मुट्ठी भर लोगों को छोड़कर देश के करोड़ों लोग जबरदस्त महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी, किसानों की बदहाली ग्रामीण भारत की दुर्दशा आदि के तनावपूर्ण जीवन की मार से लगातार त्रस्त है। इससे देशहित भी लगातार प्रभावित है, सभी स्वार्थ एवं विद्वेष को त्याग करके देश के अति चिंतनीय राष्ट्रीय समस्याओं पर संगठित प्रयास जरूरी है।

भाजपा सरकार का रिकार्ड भी न तो उल्लेखनीय और न ही सराहनीय

वैसे भी हर सरकार समय-समय पर वाइट पेपर जारी करके आंकाड़ों के माध्यम से अपनी वाहवाही बटोरने के साथ पिछली सरकार को कठघरें में खड़ा करके आत्मसंतुष्टि का प्रयास करती है। लेकिन सरकार की नीति और उसके कार्यकलापों का सही आकलन जनता की बेहतर रोजी रोटी व इनकी खुशी एवं खुशहाल जीवन पर निर्भर है। और जिस मामले में पहले कांग्रेस पार्टी की तरह वर्तमान में भाजपा सरकार का रिकार्ड भी न तो उल्लेखनीय और न ही सराहनीय माना जाएगा।

मेहनतकश लोगों को थोड़े से सरकारी अनाज की मजबूरी

मायावती ने आगे कहा कि वर्तमान की भाजपा सरकार का पिछले दस वर्षों का कार्यकाल अगर जनहित जनकल्याण, देशहित, समाजिक एवं धार्मिक सौहार्द, शांति व्यवस्था आदि के मामले में बेहतरीन होता तो सर्वसमाज के करोड़ों लोग आज जीवन के हर क्षेत्र में इतने परेशान व बदहाल कभी नहीं होतें। महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़पान आदि के तंग जीवन से गुजर रहे 80 करोड़ से अधिक मेहनतकश लोगों को थोड़े से सरकारी अनाज की मजबूरी व मोहताज जिंदगी को मजबूर होना पड़ता था।

गड़े मुर्दें उखाड़ने का क्या लाभ?

बसपा प्रमुख ने आगे कहा कि भाजपा सरकार अगर श्वेत पत्र के जरिए पिछली यूपीए सरका पर अर्थव्यवस्था को दस साल में बर्बाद करने का आरोप अगर सही भी है तो अब गड़े मुर्दें उखाड़ने का क्या लाभ है। वास्तव में अगर देखा जाये तो केंद्र में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या फिर भाजपा की, देश के करोड़ो दलित, पिछड़े, मुस्लिम समाज के गरीबों, बेरोजगार युवाओं, किसानों, महिलाओं एवं मेहनतकश समाज का जीवन हर प्रकार से लाचार और मजबूर बना हुआ है। जिस तरह से ध्यान बांटने के लिए पार्टियां व वर्तमान की सरकारें लोगों को धार्मिक भावनाओं को भड़काने आदि का राजनितिक खेल लगातार खेलती रहती है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।'

कांशीराम को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाए- मायावती

इसके साथ मायावती ने आज एक एक्स पोस्ट में कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार में जिन भी हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया गया है उसका स्वागत है, लेकिन इस मामले में खासकर दलित हस्तियों का तिरस्कार एवं उपेक्षा करना कतई उचित नहीं है। सरकार को इस ओर भी जरूर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ उन्होंने सरकार से कांशीराम को भी भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को लम्बे इंतजार के बाद वीपी सिंह की सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया था। उसके बाद दलित एवं उपेक्षितों के मसीहा कांशीराम का इनके हितों में किया गया संघर्ष कोई कम नहीं है। उन्हें भी भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए।

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