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कोविड-19: स्वर्गवासी हुये लोगों की अंत्येष्टि में सहयोग कर रही स्वयंसेवकों की टोली, जारी किया नम्बर

लखनऊ, 06 मई(हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के स्वयंसेवकों ने कोविड-19 से स्वर्गवासी हुये लोगों की अंत्येष्टि से लेकर अस्थि विसर्जन के कार्य में पूर्ण सहयोग शुरू कर दिया है। इसके लिए मोबाइल नम्बर 8887987566 भी जारी किया गया है। इस नम्बर के माध्यम से लखनऊ में कहीं पर सहयोग लिया जा सकता है। लखनऊ महानगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सेवा भारती के द्वारा निर्धन व जिन परिवारों में कोई नहीं है, ऐसे स्वर्गवासी हुये लोगों की अंत्येष्टि व अस्थि विसर्जन के कार्य को स्वयंसेवक कर रहे हैं। संघ के ये स्वयंसेवक शव ले जाने के लिए बांस की बनी टिकटी, फूल-माला से लेकर कफन तक की व्यवस्था का खर्च स्वयं वहन कर रहे हैं। लखनऊ विभाग के कार्यवाह अमितेश ने बताया कि महानगर में अभिषेक, उज्ज्वल, मनीष, हिमांशु, विनीत, करुणेश, अनिल व अन्य कार्यकर्ताओं के द्वारा "जहां कम, वहां हम" नाम की एक टोली बनायी गई है। जिसके द्वारा कोरोना संक्रमित या सामान्य रूप से स्वर्गवासी हुये लोगों की अंत्येष्टि का कार्य किया जा रहा है। इस टोली के प्रमुख अभिषेक गुप्ता ने बताया कि इस कार्य की शुरूआत सबसे पहले लखनऊ के राजाजीपुरम से किया गया। पांच लोगों की टोली बनाई और तय किया कि कोरोना तथा सामान्य मृत्यु के मृतकों का अंतिम संस्कार किया जायेगा। बताया कि जिनके परिजन तथा पड़ोसी कोरोना भय और डर के कारण अंतिम संस्कार के लिए आगे नहीं आ रहे थे, पहले ऐसे लोगों के बारे में जानकारी ली गई और हमारी टोली इस कार्य में जुट गई। अब तक प्रमोद कुमार जौहरी(76), महेश चन्द्र अग्रवाल(84), सुशील चन्द्र दीक्षित(72), हरी किशन(65) समेत 12 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। इस कार्य के लिए हमारी टोली कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मृतक के शरीर को नहलाकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार करवा रही है। जिस परिवार में लोग नहीं है, उनका अस्थि विसर्जन भी किया जा रहा है। कहा कि इस महामारी के दौरान किसी की भी मृत्यु हो तो उसे सम्मानजनक तरीके से इस संसार से मुक्त किया जाए, इसलिए हमलोगों ने इस मुहीम अंत्येष्टि की शुरूआत की। कहा कि इस दुख की घड़ी में अपना बचाव करते हुए एक दूसरे की मदद करना प्रत्येक मानव का धर्म होना चाहिए। यह मुसीबत आज उन पर है तो कल मेरे ऊपर भी आ सकता है, इस भाव से सेवा करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जब कोई सहयोग के लिये हमारी टोली से संपर्क करता है, तो टोली के लोग उसके घर पर शव वाहन के साथ पहुंचकर विधि-विधान सारा कार्य सम्पन्न करवाते हैं। उसके बाद मृत शरीर को शव वाहन द्वारा घाट पर लाकर अंत्येष्टि कार्य को करवाते हैं। बताया कि कई बार निर्धन परिवार के लोगों को आर्थिक सहयोग भी करना पड़ता है। देश के लिए टोली का हर सदस्य तत्परता से तैयार रहता है और सामूहिक सहयोग भी करता है। हिन्दुस्थान समाचार/शरद

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