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विंध्यधाम धाम में मां के तीनों स्वरूपों के होते हैं दर्शन

- विंध्याचल का वासंतिक नवरात्र मेला मंगलवार से - मेला क्षेत्र आठ जोन और 18 सेक्टरों में बांटा गया - रात्रि कर्फ्यू के कारण नौ बजे रात्रि से सुबह छह बजे तक नहीं होगा दर्शन मीरजापुर, 12 अप्रैल (हि.स.)। विंध्याचल धाम का वासंतिक नवरात्र मंगलवार को सुबह छह बजे से शुरु हो जाएगा। विंध्यधाम में महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती के भी दर्शन होते हैं। इसीलिए मंदिर परिसर को लघु त्रिकोण की भी महत्ता प्राप्त है। मेले की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन ने आठ जोन और 18 सेक्टरों में विभक्त किया है। प्रत्येक जोन में जोनल और सेक्टर में सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है। कोरोना संक्रमण के कारण रविवार से रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिए जाने से नवरात्र मेले के दौरान मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन रात्रि नौ बजे से सुबह छह बजे तक श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे। इस बार रेल प्रशासन ने भी विंध्याचल में अतिरिक्त ट्रेनों के ठहराव की कोई व्यवस्था नहीं की है। नवरात्र मेले के दौरान मात्र आठ जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव विंध्याचल स्टेशन पर है। इससे अन्य प्रांतों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रहने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि रोडवेज प्रशासन ने विंध्याचल से विभिन्न जिलों के लिए बसों का संचालन कर रहा है। मेला क्षेत्र में साफ-सफाई और सड़कों की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। नगर मजिस्ट्रेट व मेला प्रभारी विनय कुमार सिंह नगर पालिका के सफाई कर्मियों और पीडब्लूडी के कर्मचारियों को सड़क व नाली बनाने के लिए लगा दिए है। न्यू वीआईपी, पुरानी वीआईपी, पक्का घाट की गली, कोतवाली रोड पर मकानों के ध्वस्तीकरण के बाद फैले मलबे को हटवाया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर जाने के लिए दिक्कतों का सामना न करना पड़े। मंदिर के चारों तरफ बैरिकेडिंग करा दी गयी है। परिक्रमा के लिए टेंट की भी व्यवस्था मंदिर के चारों तरफ की गयी है। इससे दोपहर में दर्शन पूजन के लिए लाइन लगाने वाले भक्तों को धूप नहीं लगेगी। इसके अलावा जगह-जगह पंखा भी लगाया जाएगा। दो हजार पुलिस कर्मियों की होगी तैनाती मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लगभग दो हजार पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा फायर बिग्रेड के जवान, एलआईयू व डाग स्क्वाड की भी व्यवस्था रहेगी। नवरात्र मेले के लिए गैर जिलों से भी पुलिस कर्मियों को विंध्याचल में बुलाया गया है। अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर भी दर्शन पूजन मंगलवार से शुरू होने वाले वासंतिक नवरात्र मेले के दौरान अष्टभुजा और काली खोह मंदिरों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना जतायी जा रही है। हालांकि नाइट कर्फ्यू लागू होने के कारण इन मंदिरों पर भी सुबह छह बजे से रात्रि नौ बजे तक ही दर्शन पूजन श्रद्धालु कर सकेंगे। इन मंदिरों पर साफ-सफाई करा दी गयी है। पंचायत राज विभाग की तरफ से तीन सौ सफाई कर्मियों की तैनाती कर दी गयी है। प्रशासन ने तैयारियों को दिया अंतिम स्वरूप नवरात्र मेले की तैयारियों को जिला प्रशासन अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। माँ विंध्यवसिनी मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा पथ में बल्ली से बैरिकेडिंंग करा दी गयी है। परिक्रमा पथ पर टेंट लगाकर छाया कर दिया गया है ताकि दर्शन के लिए लाइन लगाने वाले श्रद्धालुओं को धूप न लगने पाए। पक्का घाट और पुरानी वीआईपी मार्ग का चौड़ीकरण कर दिया गया है, लेकिन रास्ते के समतलीकरण व नाली बनाने का तेज गति से किया जा रहा है। मां के मंदिर को झालरों से सजाया गया मंदिर परिसर को रंगीन झालरों से सजाया गया है। इसके अलावा मंदिर की तरफ जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर एलईडी लाइट लगवा दिया गया है। स्ट्रीट लाइट से विंध्यधाम की गलियां व सड़कें जगमगा रही हैं। इसके अलावा अष्टभुजा और कालीखोह मंदिरों पर भी साफ-सफाई करा दी गयी है। अष्टभुजा में लगवायी गयी स्ट्रीट लाइट अष्टभुजा और काली खोह मंदिर जाने वाले मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगवा दिया गया है। यात्रियों को पीने का पानी मुहैया कराने के लिए जगह-जगह नल लगवाया गया है। इसके अलावा पानी के टैंकर की भी व्यवस्था रहेगी। नौ दिनों तक मां के दरबार में अनुष्ठान करने वाले भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। अष्टभुजा और कालीखोह की पहाड़ियों पर साधु-संतों ने अपना डेरा जमा लिए है। सूना है विंध्याचल स्टेशन परिसर चैत्र नवरात्र में रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं के लिए किसी प्रकार कोई खास सुविधा नहीं की गयी है। सामान्य दिनों में नवरात्र में 25 जोड़ी ट्रेनों का ठहराव विंध्याचल रेलवे स्टेशन पर रहता था। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कंट्रोल रूम, खोया पाया केंद्र, कैंटीन इत्यादि का प्रबंध कराया जाता था, लेकिन इस बार रेलवे ने मात्र आठ जोड़ी ट्रेनों का ठहराव किया है। इन ट्रेनों का ठहराव पहले से ही है। अभी तक यूटीएस टिकट काउंटर को भी नही खोला गया है। इससे नवरात्र में स्टेशन फीका पड़ा हुआ है । 25 प्रतिशत ही भीड़ आने की संभावना कोरोना संक्रमण के चलते लोग सहमे हुए है। ऐसे में नवरात्र मेले में मात्र एक चौथाई श्रद्धालुओं के आने की संभावना जतायी जा रही है। पुरोहितों का कहना है कि सरकार की तरफ से लगातार नए-नए नियम लागू किए जा रहे हैं। इसके अलावा पंचायत चुनाव, ट्रेनों का सीमित संचालन, बिहार में कोरोना के चलते पाबंदियों के कारण काफी कम संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए आएगें। गंगा घाटों पर तैयारियां हुई पूरी नगर पालिका परिषद ने 125 अस्थायी शौचालय बनवाया है। अखाड़ा घाट, गुदारा घाट, पक्का घाट, बाबू घाट, दीवान घाट पर लाइट की व्यवस्था कर दी गयी है। इसके अलावा महिलाओं को वस्त्र बदलने का स्थान, घाट पर स्नान करने के लिए बैरिकेडिंग एवं जाल लगवा दी गयी है। अखाड़ा घाट और दीवान घाट के पास अस्थायी पुलिया आदि का निर्माण कराया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/ गिरजा शंकर

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