आईसीएआर के निदेशक ने कहा, नए कृषि कानून से आधुनिक तकनीकी से जुड़ेंगे किसान
-केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक ने किसानों से की चर्चा -किसानों ने कहा, नए कृषि कानून से खुला बाजार मिलेगा, होगी प्रगति लखनऊ, 29 दिसम्बर (हि.स.)। नए कृषि कानून के आने से किसानों अपने उत्पाद को कहीं भी बेचने की आजादी मिल गयी है। इससे अन्य राज्यों के बीच कारोबार बढ़ेगा, जिससे मार्केंटिंग और ट्रांसपोटेशन पर भी खर्च कम होगा। कृषि क्षेत्र में उपज खरीदने-बेचने के लिए किसानों व व्यापारियों को “अवसर की स्वतंत्रता” लेन-देन की लागत में कमी होगी। रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) समर्थन के साथ ही उच्च और आधुनिक तकनीकी इनपुट मिलेगा। ये बातें केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ के निदेशक डाक्टर शैलेन्द्र राजन ने किसानों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ प्रोसेसर्स, निर्यातकों, संगठित रिटेलरों का एकीकरण, ताकि मध्स्थता में कमी आएगी । देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम रहेगा, पूरी पारदर्शिता से काम होगा। अंततः किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही उद्देश्य ताकि उनकी आय में सुधार हो सकें। मंडियों के अतिरिक्त व्यापार क्षेत्र में फार्मगेट, शीतगृहों, वेयरहाउसों, प्रसंस्करण यूनिटों पर व्यापार के लिए अतिरिक्त चैनलों का सृजन होगा। उन्होंने कहा कि भारत के कृषि क्षेत्र में हो रहे विकास में बागवानी की भी प्रशंसनीय भूमिका रही है जिस प्रकार देश के सकल घरेलु उत्पादन में कृषि का लगभग 17 प्रतिशत योगदान है, उसी प्रकार बागवानी का कृषि में 30.4 प्रतिशत योगदान है। बागवानी के अंतर्गत फल, आलू सहित सब्जियों, कंदीय फसलें, मशरूम, कट फ्लावर समेत शोभाकारी पौधे, मसाले, रोपण फसलें और औषधीय एवम सगंधीय पौधे का देश के कई राज्यों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।उन्होंने कहा कि भारत में आम का उत्पादन 2.516 लाख हेक्टेयर में किया जाता है, जिससे 18.48 लाख टन आम का उत्पादन होता है। पूरे विश्व में भारत का आम उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान है। यहाँ पुरे विश्व के उत्पादन का 52 प्रतिशत आम का उत्पादन होता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्- केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक शैलेन्द्र राजन ने आज किसानों और अवध आम उत्पादक बगवानी समिति और समूहों से नये किसान बिल पर चर्चा कर रहे थे। समिति के महासचिव उपेन्द्र कुमार सिंह एवं अन्य किसानों ने बताया कि इस नये बिल के आने से आम बागवानों को मंडी शुल्क से मुक्ति मिलने के साथ ही साथ मंडी से बाहर बेचने की आजादी मिली जिससे उनको उनके फसल का उचित दाम मिला । किसानों ने कहा कि नये किसान कृषि बिल 2020 के आने से बागवानी के क्षेत्र में क्रांति आएगी, जिससे किसानों को उनके उत्पाद की अच्छी कीमत मिल सकेगी जिसके माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस बिल में किसानों की सम्पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। यह बिल किसानों की फसल, बाजार, फसल मूल्य तथा बाजार मूल्य आदि से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया की किसी भी देश के समुचित विकास में अन्य घटकों की भांति ही कृषि की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इसका महत्व भारत जैसे विकासशील देश के लिए और भी अधिक बढ़ जाता है, जहाँ देश की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर करती है। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र-hindusthansamachar.in