उत्तर प्रदेश, रफ्तार डेस्क। यूपी STF ने शुक्रवार को एक बड़े टास्क को अंजाम दिया, जिसमें उन्होंने गोरखपुर और पूर्वांचल के चर्चित गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। यूपी STF की टीम 7 महीने से विनोद उपाध्याय को ढूढ़ने में लगी हुई थी, जब यूपी एसटीएफ की टीम सुल्तानपुर में उसके ठिकाने पर पहुंची तो उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए फायरिंग शुरू कर दी। यूपी एसटीएफ ने जवाबी कार्रवाही में उसे ढेर कर दिया। विनोद उपाध्याय माफिया और शार्प शूटर तो था ही बल्कि वह बीएसपी की टिकट पर चुनाव भी लड़ चूका था।
उसके बाद उसने जुर्म की दुनिया में हमेशा के लिए प्रवेश कर लिया था
विनोद उपाध्याय मीडिया की सुर्खियों में उस वक़्त आया जब उसने एक थप्पड़ मारे जाने की वजह से एक हत्या को अंजाम दे दिया था। यहीं से उसके अपराधों की दुनिया की शुरुआत हुई थी। दरअसल वर्ष 2004 में गोरखपुर जेल में बंद रहे अपराधी जीतनारायण मिश्र ने किसी बात पर विवाद होने के कारण विनोद उपाध्याय को थप्पड़ मार दिया था। विनोद के दिमाग से उस थप्पड़ का गुस्सा नहीं निकला था, उसने जीतनारायण मिश्र के जेल से निकलने का इंतज़ार किया। जब वह जेल से छूटा तो मौका देखकर विनोद ने वर्ष 2005 में संतकबीरनगर बखीरा के पास उसकी हत्या कर दी थी। उसके बाद उसने जुर्म की दुनिया में हमेशा के लिए प्रवेश कर लिया था, जिसका अंजाम आज उसे मिल गया।
यूपी पुलिस की टॉप 10 लिस्ट में शामिल था
विनोद उपाध्याय के खिलाफ यूपी में 35 से ज्यादा आपराधिक केस दर्ज थे। यूपी एसटीएफ और गोरखपुर क्राइम ब्रांच की टीम उसे बीते सात महीने से ढूढ़ रही थी। वह अयोध्या का रहने वाला था। माफिया और शार्प शूटर विनोद कुमार उपाध्याय अपना एक गिरोह बनाकर गोरखपुर, बस्ती, संतकबीर नगर, लखनऊ में कई हत्यायों को अंजाम दे चूका था। विनोद उपाध्याय का एनकाउंटर एसटीएफ मुख्यालय के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम ने किया। माफिया और शार्प शूटर विनोद कुमार उपाध्याय यूपी पुलिस की टॉप 10 लिस्ट में शामिल था।
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