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बेमौसम हुई बारिश से खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ा सकते हैं किसान : डॉ अंकुर झा

- दलहनी फसलों को बारिस से होगा लाभ, खेतों को जुतवाकर करें ढैंचा की बुआई - बरसात से कद्दू वर्गीय फसलों को नुकसान से बचाने के लिए करें दवा का छिड़काव औरैया, 18 मई (हि.स.)। मौसम में आये अचानक बदलाव से हुई बेमौसम बरसात कद्दू वर्गीय फसलों में कुछ नुकसान होने की आशंका तो है, लेकिन दवा के छिड़काव से इससे बचा जासकता है। दलहनी फसलों में इस बरसात से लाभ होगा। वहीं खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है, जिससे किसान धान की फसल की अच्छी पैदावार ले सकते हैं। यह बातें कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा के पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉक्टर अंकुर झा ने मंगलवार को किसानों के लिए दी। उन्होंने बताया कि जिन किसानों को धान की फसल करना है वे अपने खेतों में बरसात से होने वाली नमी का भरपूर लाभ उठा सकते हैं। खेतों की जुताई करवाकर उनमें ढैंचा की बुआई करवा दें। बड़ा होने पर खेत में ही जुतवा दें, जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा अगर खेतों में ऊसर है तो वह भी कम होगा। खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ने से धान की अच्छी पैदावार ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि दलहनी फसलों जैसे मूंग, उर्द में इस हल्की बरसात से लाभ होगा। पौधे फूल पर हैं उनमें अच्छी फलियां आने से पैदावार बढ़ेगी। कद्दू वर्गीय फसलों तरबूज, खरबूजा, करेला आदि में सड़न पैदा हो सकती है। खेतों में यदि अधिक पानी भरा हो तो उसे तुरंत निकाल दें। साथ ही सड़न की रोकथाम के लिए फसलों में कार्बेडाजिमा व मैनकोजेब का छिड़काव करें। हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील

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