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बुद्ध जयंती:कोविड, म्यांमार व इजरायल में शांति को विशेष अनुष्ठान करेंगे देशी विदेशी बौद्ध भिक्षु

-महापरिनिर्वाण मन्दिर के लिए पांच भिक्षुओं को मिली अनुमति कुशीनगर, 24 मई (हि. स.)। कोविड-19 से निजात, म्यांमार, इजरायल व फिलिस्तीन में शांति के लिए त्रिविध पावन बुद्ध जयंती के दिन गुरुवार को कुशीनगर के बौद्ध भिक्षु विशेष पूजन अनुष्ठान करेंगे। अतीत में आई महामारी के दौरान बुद्ध द्वारा किये गए रत्नसुत्त का पाठ भी होगा। म्यामांर बौद्ध विहार, थाई वाट, जापान-श्रीलंका मन्दिर, तिब्बती मन्दिर, इंडोनेशिया, भूटान, कम्बोडिया, वियतनाम, कोरियन बौद्ध विहारों में यह विशेष पूजा होगी। बुद्ध की 5वीं सदी की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा के समक्ष पूजन व चीवर दान के लिए प्रशासन ने पांच बौद्ध भिक्षुओं को अनुमति दी है। यह दूसरा अवसर है जब प्रशासन ने बौद्ध भिक्षुओं को परम्परागत अंतराष्ट्रीय शोभा यात्रा निकालने की अनुमति नही दी है। ऐसे में भिक्षुओं ने अपने अपने बौद्ध विहारों में विशेष पूजन अनुष्ठान करने का निर्णय लिया है। गत बर्ष भी कोविड-19 के प्रकोप के चलते प्रशासन ने शोभा यात्रा निकालने की अनुमति नही दी थी। हालांकि महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भापुस)के आदेश पर बन्द चल रहे महापरिनिर्वाण मन्दिर में सुबह मात्र पांच बौद्ध भिक्षुओं को प्रवेश करने व विशेष पूजा करने की अनुमति दी गई है। इस दौरान प्रशासन व भापुस का प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। उल्लेखनीय है कि बुद्ध जयंती के दिन निकलने शोभा यात्रा में दुनिया के सभी बौद्ध देशों के प्रतिनिधि व विदेशी राजनयिक भाग लेते रहे हैं। विशेषकर म्यांमार व श्रीलंका व थाइलैंड के बौद्ध अनुयाइयों व बौद्ध भिक्षुओं का जमावड़ा आकर्षण का केंद्र बन जाता है। परम्परागत पोशाक व वाद्ययंत्र व नृत्य करते कलाकारों के दल को देखने सुदूर स्थानों से लोग आते रहे है। बौद्ध भिक्षुओं को इस बार उम्मीद थी कि शोभा यात्रा निकलेगी। किन्तु कोविड-19 के कड़े प्राविधानों ने भिक्षुओं को निराश किया है। बौद्ध जगत में वैशाख पूर्णिमा का है विशेष महत्व गौतम बुद्ध का लुंबनी में जन्म, बोधगया में ज्ञान प्राप्ति व कुशीनगर में निर्वाण प्राप्ति की तिथि वैशाख पूर्णिमा को ही हुई थी। इस नाते बौद्ध अनुयाइयों में इस तिथि का विशेष महत्व है। हताशा से उबारेगी विशेष पूजा कोविड-19 के चलते पूरा विश्व हताश है। म्यांमार, इजरायल, फिलीस्तीन के लोग परेशान है। ऐसे में बुध जयंती के पावन दिन को हम सभी शांति की कामना के साथ अपने बौद्ध विहार में विशेष पूजन करेंगे। - अस्स जी महाथेरों प्रबंधक जापान श्रीलंका बौद्ध विहार विश्व शांति केंद्र में विशेष पूजा म्यांमार बौद्ध विहार में विशेष पूजा के साथ चीवर दान व भोजन दान का कार्यक्रम रखा गया है। विश्व शांति को केंद्र में रख विशेष पूजा होगी। बौद्ध धर्म का यह मूल सिद्धांत भी है-भंते अशोक, प्रमुख बौद्ध भिक्षु शर्तों के साथ मिली अनुमति:शर्तों के साथ पांच बौद्ध भिक्षुओं को महापरिनिर्वाण मन्दिर में विशेष पूजा व चीवर अर्पित करने की अनुमति दी गई। कोविड के प्रोटोकाल के अनुरूप किसी भी प्रकार के धार्मिक जुलूस व जमावड़े पर रोक है- पूर्ण बोरा, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हिन्दुस्थान समाचार/गोपाल

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