नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। रविवार को आयोजित की गई मेडिकल की प्रवेश परीक्षा के दौरान एक छात्र को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मामला राजस्थान के भरतपुर का है। यहां अभिषेक गुप्ता नाम का एक MBBS स्टूडेंट किसी और की जगह परीक्षा देता पकड़ा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए उसने 10 लाख रुपये लिए थे। अभिषेक समेत 6 लोगों को पुलिस ने इस मामले में पकड़ा है।
चीटिंग रैकेट ने 10 लाख ऐंठे
शुरुआती जांच में सामने आया है कि अभिषेक गुप्ता, जो कि एक सरकारी कॉलेज का छात्र है, वह एक रैकेट का हिस्सा था जो उसके कॉलेज के साथी रवि मीना द्वारा चलाया जा रहा था। बताया जा रहा है कि इस रैकेट ने राहुल गुर्जर नाम के अभ्यार्थी से 10 लाख रुपए लिए थे।
क्या कहना है पुलिस का
भरतपुर के असिसटेंट पुलिस सुपरीटेंडेंट, अखिलेश कुमार ने बताया कि परीक्षा केंद्र में अभिषेक को राहुल की जगह बैठ कर एग्जाम देते हुए पकड़ा गया। निरीक्षक को शक होने पर, अभिषेक को पुलिस को सौंप दिया गया। जांच के दौरान पता चला कि उसके साथ पांच अन्य लोग भी शामिल थे। अभिषेक ने बताया कि उसके साथी एक गाड़ी में परीक्षा केंद्र के बाहर बैठे हुए थे। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
बच्चों को मिले गलत प्रश्न पत्र
इसी बीच, सवाई माधोपुर के एक केंद्र से शिकायत आई कि जिन्होंने परीक्षा देने का माध्यम अंग्रेजी चुना था उन्हें हिंदी का पेपर थमा दिया गया। वहीं जिन्होंने हिंदी चुनी थी उनको अंग्रेजी में पेपर थमाया गया। अभ्यार्थियों के अभिभावकों का कहना है कि इसके खिलाफ धरना देने पर उन्हें पुलिस द्वारा धक्कामुक्की का सामना करना पड़ा।
एनटीए ने दिया दूसरा मौका
बाद में, नेशनल टेस्टिंग एजंसी ने कहा कि उसके समक्ष यह मामला सामने आया है और इसमें परीक्षा निरीक्षक की गलती है। जिन अभ्यार्थियों को गलत पेपर मिलने का सामना करना पड़ा, उन्हें आज दोबारा पेपर देने का मौका दिया गया है।
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