Rajasthan Vidhan sabha: सोलहवीं राजस्थान विधानसभा का दो दिवसीय सत्र शुरू, जानें सदन में क्या हुआ खास

Rajasthan News: सोलहवीं विधानसभा का प्रथम सत्र बुधवार सुबह ग्यारह बजे शुरू हुआ। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र को आहूत करने की स्वीकृति प्रदान की थी।
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जयपुर, (हि.स.)। सोलहवीं विधानसभा का प्रथम सत्र बुधवार सुबह ग्यारह बजे शुरू हुआ। राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को सोलहवीं विधानसभा के प्रथम सत्र को आहूत करने की स्वीकृति प्रदान की थी।

तीन सदस्यीय पैनल की नियुक्ति की जानकारी दी गई

सत्र शुरू होने के साथ ही राज्यपाल मिश्र की ओर से प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ और सहयोग के लिए बनाए गए तीन सदस्यीय पैनल वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार, प्रताप सिंह सिंघवी और डॉक्टर किरोडी लाल मीणा की नियुक्ति की जानकारी दी गई।

प्रोटेम स्पीकर सराफ ने सीएम भजन सहित अन्य को दिलाई शपथ

उसके बाद प्रोटेम स्पीकर सराफ ने भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को शपथ दिलाई। उसके बाद उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को शपथ दिलाई गई। तत्पश्चात दयाराम परमार, प्रताप सिंह सिंघवी और डॉक्टर किरोडी लाल मीणा समेत अन्य नव निर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराई गई।

दूसरे दिन हुआ शेष रहे निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह

उल्लेखनीय है कि सत्र के दूसरे दिन शेष रहे निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। उसके बाद विधायक नई विधानसभा के स्पीकर का चुनाव करेंगे। भाजपा की ओर से वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया गया है। यदि कांग्रेस या अन्य दलों की ओर से प्रत्याशी तय किया जाता है तो मतदान होगा, अन्यथा देवनानी को सर्वसम्मति से स्पीकर चुन लिया जाएगा।

सत्र के पूरी तरह से चालू होते ही , विपक्ष भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करेगा

हाल में ही संसद में उठे भाजपा के LPG सिलेंडर को 450 रूपए में राजस्थान में देने के वादे ने राजनीति गलियारों में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर भी विधानसभा चुनाव 2023 में किये गए गैस सिलेंडर के इस वादे को पूरा करने का दवाब जरूर होगा। जैसे ही सत्र पूरी तरह से चालू हो जायेगा, तो विपक्ष भी जरूर इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करेगा। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2023 में गैस सिलेंडर को 450 रूपए में देने का वादा राजस्थान और मध्य प्रदेश में किया था। जिसका बड़ा फायदा भाजपा को विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम आने पर हुआ। भाजपा ने तीन राज्यों में बहुमत के साथ जीत दर्ज की। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी अपने किये वादे को निभाने का दवाब जरूर होगा। राजनीति में वादों के अनुसार चुनाव लड़ने की अनुमति किसी भी दल को नहीं होनी चाहिए। क्यूंकि जब एक वादे को पूरा करने के लिए बजट से छेड़छाड़ होती है तो इससे दूसरी बड़ी योजनाओ के बजट पर भी फर्क पड़ता है।

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