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हाथों में ध्वजा, जुबां पर बाबा श्याम का जयकारा लगाते खाटू की तरफ बढ़ रहे श्याम बाबा के श्रद्धालु

सीकर, 17 मार्च (हि. स.)। जिले के प्रसिद्ध तीर्थस्थल खाटूश्याम जी में बाबा श्याम का फाल्गुनी मेला बुधवार से शुरू हो गया। शुक्लपक्ष में भरने वाले बाबा श्याम के मेले के लिए यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के पूरे इंतजाम किए हैं। प्रशासन ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए गाइडलाइन तैयार की है। खाटू आने वाले श्रद्धालु हाथ में ध्वजा, जयकारा लगाते हुए पैदल ही दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। खाटू में बाबा श्याम का मुख्य मेला 25 मार्च को भरेगा। 244 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब नियत समय में रजिस्टर्ड श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। मेले को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए एक एसपी, 3 एएसपी, 24 डीवाईएसपी, 47 सीआई सहित 2980 कांस्टेबल मेले में तैनात किए है। प्रशासन ने रींगस मोड पर एक और खाटू में तीन कोरोना जांच सेंटर बनाए है। इसके अलावा रींगस से खाटू जाने वाले रास्ते को नो व्हीकल जोन बनाया है। करीब 17 किलोमीटर का रास्ता श्रद्धालुओं को पैदल ही तय करना होगा। दर्शनार्थियों को खाटू में आते ही 72 घंटे के अंदर कराई गई कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना जरूरी किया गया है। बाबा श्याम का फाल्गुनी मेला शुरू होते ही खाटू आने वाले सभी रास्तों पर श्रद्धालु ही नजर आ रहे हैं। तेज धूप से बचने के लिए लोगों ने जगह-जगह टैंट लगाए है। लंगर पर रोक के बाद लोग पदयात्रियों की जलसेवा कर सेवा कर रहे है। खाटूश्यामजी का फाल्गुन मेला राजस्थान के सबसे बड़े मेलों में एक है। हर वर्ष करीब 10 दिन तक चलने वाले इस मेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं। भक्तों की भीड़, आस्था व उल्लास के साथ मेले की खास बात बाबा श्याम का अनूठा दरबार व पोशाक-श्रृंगार रहा। बाबा का दरबार धवल चांदनी सा उजले महल के रूप में सजाया गया है। बाबा श्याम के फाल्गुनी लक्खी मेले के लिए बाबा श्याम के दरबार को धवल यानी सफेद महल के रूप में सजाया गया है। इसके लिए बंगाल से विशेष 65 कारीगर बुलाए गए थे। जिन्होंने करीब 3 हजार थर्माकोल के डिब्बे, शीट व प्लास्टिक के स्टोन से मंदिर को महल का रूप दिया है। मुख्य द्वार व सलेटी रंग की 13 खिड़कियों वाले महल में राम दरबार, राधा-कृष्ण, मां दुर्गा तथा ब्रम्हा-विष्णु व महेश की तस्वीरें होगी। बेलबूटों से सुसज्जित महल में रंगीन कपड़े, विदेशी आर्टिफिशियल फूल, बूटिक, छतरी गोटा सहित साजो- सज्जा की कई सामग्रियों का प्रयोग किया गया है। श्याम मंदिर तक पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दो मार्गों से दिया जा रहा है, जो मंदिर के बांयी दिशा में बनाए गए हैं। इन मार्गों पर चार- चार की आठ रैलिंग लगाई गई है। इसी तरह निकासी के भी चार-चार रैलिंग के दो मार्ग है। जो मंदिर के सामने व गर्भ गृह की बांयी दिशा में हैं। मेले में पहली बार दिव्यांगों के दर्शनों की विशेष व्यवस्था की गई है। इसके लिए मंदिर कमेटी ने मंदिर में लिफ्ट लगाने के साथ व्हील चेयर की सुविधा उपलब्ध करवाई है। मंदिर में प्रवेश द्वार के पास ही यह लिफ्ट लगाई गई है। जो निशक्त भक्तों को सीधे श्याम दरबार तक ले जाएगी। मेले से पहले मंगलवार को भी खाटूश्यामजी में करीब 50 हजार श्रद्धालुओं ने शीश के दानी को शीश नवाया। सैंकड़ों निशान यात्राएं भी मंदिर पहुंची। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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