आदिवासी धर्म के बयान पर कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने, सियासत गरमाई

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जयपुर, 10 मार्च (हि. स.)। यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा के विधानसभा में दिए गए आदिवासियों पर हिन्दू धर्म थोपने के बयान पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस जहां विधायक घोघरा के बयान को फ्रीडम ऑफ स्पीच बता रही है, वहीं भाजपा के नेता इसे बहुसंख्यक समाज का अपमान करार दे रहे हैं। विधायक घोघरा के इस बयान पर अब कांग्रेस और भाजपा के नेता आमने-सामने हो गए हैं। विधानसभा के बाहर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि यह बहुसंख्यक समाज का अपमान है। मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि वह घोघरा की राय से इत्तेफाक रखती है या नहीं? उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही बंटवारे की राजनीति करती आई है। घोघरा का यह बयान तुष्टीकरण की राजनीति है। ये देश की एकता, अखंडता के लिए खतरा है। उन्होंने इसे बहुसंख्यक समाज का अपमान बताया है। दूसरी तरफ परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हर व्यक्ति को फ्रीडम ऑफ स्पीच का मूल अधिकार मिला हुआ है। हर विधायक, व्यक्ति को अपने विचार रखने, धर्म मानने का अधिकार मिला हुआ है। यदि किसी विधायक ने अपने मन की बात कही है, जैसा वो सोचता है, समझता है, वैसा उसको एक्ट करने का अधिकार है। हम किसी के व्यक्तिगत हक पर हमला नहीं कर सकते। क्योंकि, ये हक और मूल अधिकार देश में हर व्यक्ति को मिले है कि वे किस धर्म को अपनाता है और किसे नहीं? खाचरियावास ने कहा कि मैं हिंदू हूं, इसका मुझे गर्व है और हम सनातन धर्म के लोग सबकी धर्म और भावनाओं का सम्मान करते हैं। भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले देश का बंटवारा किया और अब कांग्रेस के लोग समाज को तोडऩे में जुटे हैं। आदिवासियों का रहन-सहन, देवी-देवता हिंदू धर्म से मिलते-जुलते हैं, वह हमारे भाई हैं। देवनानी के अनुसार बाबा साहेब आंबेडकर ने भी बौद्ध धर्म अपना लिया था। देवनानी ने शंका जाहिर की कि इस समय देश में समाज को तोडऩे के पीछे विघटनकारियों का षड्यंत्र चल रहा है और इसे विदेशी ताकत बल दे रही है। गौरतलब है कि विधायक घोघरा ने मंगलवार को विधानसभा में बयान देते हुए कहा था कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से जुड़े लोग आदिवासियों को हिंदू बताते हैं, लेकिन वह हिंदू धर्म नहीं मानना चाहते। वह आदिवासी हैं और उनके रीति-रिवाज, संस्कृति, खानपान और परंपराएं सब अलग हैं। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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