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सवा दो साल बाद पूर्व मंत्री जोगेश्वर गर्ग बने भाजपा विधायक दल के सचेतक

जयपुर, 09 मार्च (हि. स.)। राजस्थान विधानसभा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सवा दो साल बाद मंगलवार को अपना सचेतक चुन लिया। जालोर से विधायक जोगेश्वर गर्ग को विपक्षी दल भाजपा ने अपना सचेतक मनोनीत किया है। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की चिट्ठी पहुंचने के बाद विधानसभा सचिवालय ने गर्ग को भाजपा विधायक दल का सचेतक बनाने संबंधी बुलेटिन जारी कर दिया है। जोगेश्वर गर्ग चार बार के विधायक हैं और शुरू से ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं। जोगेश्वर गर्ग 1990 में पहली बार विधायक बने थे। भैरोसिंह शेखावत सरकार में उस वक्त उन्हें आयुर्वेद राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया था। गर्ग 1990 से 1992, 1993 से 1998, 2003 से 2008 और अब 2018 से विधायक हैं। गर्ग को भाजपा विधायक दल का सचेतक नियुक्त कर भाजपा संगठन ने वसुंधरा राजे खेमे के वरिष्ठ विधायक कैलाश मेघवाल का जवाब जोगेश्वर गर्ग के रूप में देने की कवायद की है। मेघवाल दलित समुदाय से आते हैं और भैरोसिंह शेखावत के समय मंत्री रह चुके हैं। मेघवाल के जवाब में अब दलित चेहरे जोगेश्वर गर्ग को सचेतक बनाया है, गर्ग भी शेखावत सरकार में मंत्री रह चुके हैंं। अब राजे विरोधी खेमे के सामने कैलाश मेघवाल की काट के तौर पर जोगेश्वर गर्ग को लाया गया है। भाजपा में वसुंधरा राजे खेमे के 20 विधायकों ने चिट्ठी लिखकर सदन में बोलने का मौका देने में भेदभाव का आरोप लगाया था। इसके बाद विधायक दल की बैठक में वसुंधरा राजे के खेमे के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल ने सवा दो साल से विधायक दल में सचेतक की नियुक्ति नहीं होने पर सवाल उठाए थे। अब भाजपा ने जोगेश्वर गर्ग को सचेतक नियुक्त कर दिया है। गर्ग के सामने अब सदन में सभी खेमों को साथ लेकर चलने की चुनौती होगी। गर्ग ने सचेतक बनाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा कि एक अकिंचन कार्यकर्ता को जिसके पास न जनबल है, न धनबल है और न ही बाहुबल है। बिना मांगे बहुत कुछ देने के लिए भाजपा राजस्थान और समस्त भाजपा परिवार का हार्दिक आभार। नेतृत्व, विधायक दल व समस्त कार्यकर्ताओं की उम्मीद पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। विधायक गर्ग आरएसएस और हिंदूवादी संगठनों के साथ सक्रिय रहे हैं। गर्ग भैरोसिंह शेखावत सरकार में मंत्री थे। उस समय श्रीनगर के लालचौक में तिरंगा फहराने के आंदोलन में शामिल होने के लिए उन्होंने जनवरी 1992 में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। गर्ग बाद में दिसंबर 1992 में अयोध्या मेें कारसेवा के लिए भी गए थे। अयोध्या में बाबरी ढांचा गिराए जाने के बाद राजस्थान में तत्कालीन भैरोंसिंह शेखावत सरकार को केंद्र ने बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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