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महाराष्ट्र के पंढरपुर आषाढ़ी यात्रा में केवल 10 पालखियों को अनुमति, मंदिर रहेगा बंद

मुंबई, 11 जून (हि.स)। महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण आस्था की यात्रा माने जानेवाली पंढरपुर आषाढी तीर्थ यात्रा पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना ने ईश्वर से मिलने के भी दरवाजे बंद कर दिए हैं। इस वर्ष पंढरपुर यात्रा में केवल 10 पालखियों को अनुमति दी गई है। एक पालखी में 40 वारकरियों को शामिल होने की अनुमति होगी और सरकारी कार्यक्रम कड़े नियमों के बीच संपन्न होगा। सूबे के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को पुणे में आषाढी यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की। बीते वर्ष की तरह इस बार भी आषाढी यात्रा का समारोह कोरोना के साए में संपन्न होगा। राज्य सरकार ने वारकरियों की केवल दस पालकियों को यात्रा समारोह में शामिल होने की अनुमति दी है। यह दस पालकियां 20 बसों से पंढरपुर पहुंचेगी। मुख्य मंदिर भक्तों के लिए और दर्शन के लिए बंद रहेगा। सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। साथ ही सभी वारकरियो की स्वास्थ्य जांच आवश्यक होगी। उपमुख्यमंत्री पवार के मुताबिक जिन 10 पालखियों को अनुमति दी गई है, उसमें हर पालकी में 40 वारकरियों के शामिल होने की अनुमति है। पैदल पालकी को अनुमति नहीं दी गई है। सरकारी महापूजा कार्यक्रम पिछले साल की तरह ही सभी पाबंदियों का पालन करते हुए होगा। 'रिंगण' उत्सव और रथोत्सव के लिए 15 वारकरियों को अनुमति दी गई है। हिन्दुस्थान समाचार/ विनय

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