खिचड़ी घोटाला : शिवसेना नेता संजय राऊत के भाई को ईडी ने तलब किया

Mumbai News: ईडी ने गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राऊत के भाई संदीप राऊत को कोरोना कालखंड में हुए कथित खिचड़ी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 30 जनवरी को पेश होने के लिए समन भेजा है।
Sanjay Raut
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मुंबई, (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राऊत के भाई संदीप राऊत को कोरोना कालखंड में हुए कथित खिचड़ी घोटाला मामले में पूछताछ के लिए 30 जनवरी को पेश होने के लिए समन भेजा है। ईडी ने यह समन शिवसेना युवा नेता सूरज चव्हाण से पूछताछ के बाद जारी किया है।

इस मामले की ईडी मनी लॉड्रिंग एंगल से जांच कर रही है

कोरोनाकाल में मरीजों के लिए बांटी जाने वाली खिचड़ी में 2 करोड़ रुपये का घोटाला किए जाने का आरोप भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष किरीट सोमैया ने लगाया था। इस मामले की ईडी मनी लॉड्रिंग एंगल से जांच कर रही है। ईडी की टीम ने इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) के युवा नेता सूरज चव्हाण को गिरफ्तार किया है। सूरज चव्हाण से पूछताछ के दौरान संजय राऊत के भाई संदीप राउत का नाम सामने आया है।

इस मामले की छानबीन ईडी के अलावा मुंबई पुलिस की टीम भी कर रही है

कोरोना मरीजों के लिए मुंबई नगरनिगम की ओर से दो करोड़ रुपये की खिचड़ी बांटने का काम तीन कंपनियों को दिया गया था । इस मामले की छानबीन ईडी के अलावा मुंबई पुलिस की टीम भी कर रही है। खिचड़ी घोटाले में संजय राऊत के करीबी रिश्तेदार सुजीत पाटकर, सुनील बाला कदम, तत्कालीन मुंबई नगर निगम के उपायुक्त, सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंके, फोर्सवन मल्टी सर्विसेज, स्नेहा कैटर्स पार्टनर सहित बीएमसी अधिकारियों पर मामला दायर किया गया है।

खिचड़ी घोटाले के सामने आने से ऐसे लोगो की हकीकत सामने आ रही है

कितना दुखदायी था कोरोना काल, उससे उबर पाना सबके लिए इतना आसान नहीं है। कितने ही लोगो ने पूरी दुनिया में इस महामारी के कारण अपने प्राणो से हाथ धोया। कोरोना काल में हर किसी ने अपना कोई न कोई दोस्त, रिस्तेदार और परिवार के सदस्य को खोया है। कोरोना से बचने के लिए क्वारंटाइन के आदेश दिए गए। लोगो को घरो में रहना पड़ा। कई गरीब लोग ऐसे थे जो अलग अलग राज्यों में अपने परिवार से दूर लॉकडाउन में फंस गए थे। लोगो को इसके कारण अपनी जीविका चलाने में भी काफी दिक्कते आयी। पूरे देश में सरकार से लेकर निजी संस्थाओ ने गरीबो के खाने के लिए भोजन आदि की व्यवस्था कराई। ऐसे में खिचड़ी घोटाले के सामने आने से ऐसे लोगो की हकीकत सामने आ रही है, जो महामारी जैसे समय में भी इस तरह के घोटालो को अंजाम दे रहे थे। यह बहुत ही शर्मनाक और दंडनीय अपराध है। इसमें सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

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