Ayodhya: मुंबई से रामलला के लिए आया सोने-पीतल से निर्मित खड़ग, जानें इसका इतिहास

Ayodhya Ram Mandir: रामलला के लिए देश दुनिया से उपहार के आने का सिलसिला लगातार जारी है।
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अयोध्या, (हि.स.)। रामलला के लिए देश दुनिया से उपहार के आने का सिलसिला लगातार जारी है। प्राचीन अस्त्र शस्त्रों के निर्माता निलेश अरुण अपने साथियों के साथ बुधवार को मुंबई से नंदक खड़ग लेकर अयोध्या पहुंचे और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सोने से निर्मित नंदक खड़ग को भेंट किया। उल्लेखनीय है कि निलेश अरुण के पूर्वज छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना के लिए हथियारों का निर्माण किया करते थे।

इसे पीतल और सोने से बनाया गया है

निलेश अरुण ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि नंदन खड़ग 7 फुट 3 इंच का है। इसका वजन 80 किलो है। इसे पीतल और सोने से बनाया गया है। हालांकि इसकी लागत और इसमें कितना सोना लगा है इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी।

हमने संकल्प लिया था कि राम मंदिर बनने के बाद हम राम जी को खड़ग भेंट करेंगे

उन्होंने बताया कि श्री रामजी के प्रति हमारी श्रद्धा है, जिसके कारण हमने नंदन खड़ग का निर्माण किया है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था, तभी से हमने संकल्प लिया था कि राम मंदिर बनने के बाद हम राम जी को खड़ग भेंट करेंगे। हमारी इच्छा आज पूर्ण हुई है।

निलेश के साथ गणेश, अमर और उनके अन्य साथी इसे लेकर कारसेवकपुरम पहुंचे

निलेश ने श्री रंग तातु सकट और के मालन श्री रंग सकट की स्मृति में अरुण सकट और नीलेश अरुण सकट ने इसे तैयार किया है। निलेश के साथ गणेश, अमर और उनके अन्य साथी इसे लेकर कारसेवकपुरम पहुंचे।

उस खड़ग के प्रहार से लौह दैत्य के एक-एक अंग काट डाले गए

निलेश ने बताया कि पुराणों में एक कथा है कि ब्रह्मा जी ने सुमेर पर्वत के शिखर पर एक यज्ञ किया था। उन्होंने उसे यज्ञ में उपस्थित लौह दैत्य को देखा। उसे देखकर ब्रह्मा जी चिंतित हो गए कि यह मेरे यज्ञ में विघ्न डाल सकता है। ब्रह्मा जी के चिंतन करते ही अग्नि से एक महा बलवान पुरुष प्रकट हुआ और उसने ब्रह्मा जी की वंदना की। देवताओं ने उसका अभिनंदन किया और वह नंदक कहलाया। देवताओं के अनुरोध पर श्री हरि ने उस खड़ग को धारण किया। उस खड़ग के प्रहार से लौह दैत्य के एक-एक अंग काट डाले गए।

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