मुंबई, (हि.स.)। मराठा आरक्षण के लिए मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल 20 जनवरी, 2024 से राज्य सरकार के विरोध में आमरण अनशन करेंगे। इस तरह की घोषणा खुद मनोज जारांगे पाटिल ने शनिवार को बीड़ जिले में जनसभा को संबोधित करते हुए की है। मनोज जारांगे ने मुंबई आते समय मराठा समाज के लोगों को शांति बनाए रखने की अपील की है। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए मराठा नेता मनोज जारांगे पाटिल को अब आंदोलन करने की नौबत नहीं आएगी। आज सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन स्वीकार कर ली है। इसी पिटीशन की सुनवाई 24 जनवरी 2024 को होने वाली है और मराठा समाज को न्याय मिलेगा।
अब तक इनमें से कोई भी मांग सरकार ने पूरा नहीं की
मनोज जारांगे ने कहा कि सरकार ने उन्हें जो आश्वासन दिया था, अब तक पूरा नहीं किया है। मराठा समाज के लोगों के साथ सरकार की ओर से लगातार अन्याय किया जा रहा है। मराठा समाज के बच्चों पर अनायास मामले दर्ज किए गए हैं। इन मामलों को अब तक वापस नहीं लिया गया है। राज्य सरकार ने 24 दिसंबर तक मराठा समाज को आरक्षण देने, मराठा समाज के बच्चों पर दर्ज मामले वापस लेने, निजामकालीन दस्तावेज के आधार पर मराठा समाज के सगे संबंधियों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र देने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद अब तक इनमें से कोई भी मांग सरकार ने पूरा नहीं की है।
समाज आरक्षण की लड़ाई लड़ऩे के लिए तैयार
मनोज जारांगे ने कहा कि उनके लिए समाज ही सब कुछ है। मराठा समाज के लोगों को राज्य सरकार टालना चाहती है, जबकि समाज आरक्षण की लड़ाई लड़ऩे के लिए तैयार है। मनोज जारांगे ने कहा कि उनकी अंतिम सांस तक वे समाज की लड़ाई लड़ते रहेंगे और मराठा समाज को आरक्षण दिलाएंगे। मनोज जारांगे ने कहा कि अब भी वक्त है, सरकार समझदारी से काम ले और उन्हें दिए गए आश्वासन को पूरा करें। उन्होंने कहा कि अब नहीं लगता सरकार उनकी मांग को पूरा करेगी, इसी वजह से वे फिर से मुंबई में आमरण अनशन करने के लिए बाध्य हो गए हैं। मनोज जारांगे ने इस दौरान मराठा समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है।
मनोज जारांगे को धीरज रखना चाहिए- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मियों से कहा कि मनोज जारांगे को धीरज रखना चाहिए। राज्य सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज को आरक्षण दिया था, लेकिन इसके बाद सरकार बदली और मराठा आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिक सका। उनकी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। इसकी सुनवाई के समय राज्य सरकार वकीलों के माध्यम से मराठा समाज के बारे में पक्ष रखेगी और मराठा समाज को निश्चित न्याय मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनोज जारांगे सहित सभी नेताओं को कानून व्यवस्था न बिगड़े, जाति-जाति के बीच तनाव न हो इसका ध्यान देना जरूरी है।
मनोज जारांगे ने की आंदोलन की घोषणा
उल्लेखनीय है कि शनिवार को मनोज जारांगे ने मराठा आरक्षण के लिए मुंबई में 20 जनवरी से आंदोलन की घोषणा की है। इसी संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए सकारात्मक है। मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि राज्य सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। इसलिए मराठा समाज को आरक्षण मिलेगा। मराठा समाज को धैर्य से काम लेना चाहिए।
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