CM शिवराज ने किया ओंकारेश्वर आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण, कहा- भावी पीढ़ियों को मिलेगी प्रेरणा

शिवराज चौहान ने किया आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा का अनावरण, अद्वैत लोक के लिए रखी आधारशिला।
आदिगुरु शंकराचार्य
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खंडवा, (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को स्वामी अवधेशानंद गिरी समेत अन्य साधु-संतों की मौजूदगी में ओंकारेश्वर में ओंकार पर्वत पर आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री चौहान संतों के साथ अस्थायी एलिवेटर से 75 फीट ऊपर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने प्रतिमा की परिक्रमा कर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उसका अनावरण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री चौहान ने अद्वैत लोक के लिए भूमिपूजन कर इसकी आधारशिला रखी।

इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने ओंकारेश्वर पहुंचकर यहां एक सप्ताह से चल रहे 21 कुंडीय हवन में आहुति दी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि आदि गुरु शंकर के दिव्य और पुण्य विचारों के अनुपम प्रकाश से मानवता का कल्याण होगा। आज का यह शुभ दिवस और भी विशिष्ट बन गया है। एकात्म के ओजस्वी प्रकाश से मानवता का युगों-युगों तक कल्याण होता रहे और मध्य प्रदेश की अलौकिक भूमि सर्वदा उर्वर एवं आध्यात्मिक ऊर्जा से अनुप्राणित रहे, यही आचार्य शंकर के श्री चरणों में प्रार्थना करता हूँ।

उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा कि संकल्प पूरा, सपना साकार! अद्वैत वेदांत का प्रतिपादन करने वाले आदि शंकराचार्य जी की ज्ञानभूमि ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची 'एकात्मता की मूर्ति' का अनावरण एवं 'अद्वैत लोक' का शिलान्यास अद्भुत, अलौकिक है। भावी पीढ़ियां इस अपूर्व स्मारक का दर्शन कर युग-युगांतर तक शंकराचार्य जी के महान अवदान से परिचित होती रहेंगी। एकात्म धाम प्रकल्प पूरे राष्ट्र को चैतन्य की सार्वभौमिक एकात्मता से आलोकित करेगा।

गौरतलब है कि ओंकार पर्वत (मांधाता पर्वत भी) की 11.5 हेक्टेयर जमीन पर अद्वैत लोक आकार ले रहा है। इसी के मध्य में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां अद्वैत लोक (शंकर संग्रहालय) और आचार्य शंकर अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान की स्थापना भी की जा रही है। 108 फीट ऊंची यह प्रतिमा एकात्मकता का प्रतीक है। इसे 'स्टैच्यू ऑफ वननेस' का नाम दिया गया है। आदि शंकराचार्य की ये प्रतिमा 12 साल के आचार्य शंकर की झलक है। इसी उम्र में वे ओंकारेश्वर से वेदांत के प्रचार के लिए निकले थे। प्रतिमा 100 टन वजनी है और 75 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित है। यह प्रतिमा 88 फीसदी कॉपर, चार फीसदी जिंक और आठ फीसदी टिन को मिलाकर बनाई गई है। इसके 290 पैनल निर्माण कंपनी एलएंडटी ने जेटीक्यू चाइना से तैयार कराए हैं। सभी 290 हिस्सों को ओंकारेश्वर में लाकर जोड़ा गया है।

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