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गांधी सागर जलाशय के सफेद गिद्धों की संख्या में आ रही कमी

मंदसौर, 08 फरवरी (हि.स.)। प्रदेश सहित जिले में रविवार सुबह गिद्धों की स्थिति का जायजा लिया गया। इस गणना में जिले में 675 गिद्ध पाए गए। इसमें 88 बच्चे भी शामिल हैं। यह गतवर्ष की तुलना में कम है। गतवर्ष जिले में 682 गिद्ध मिले थे। हालांकि यह अंतर बड़ा नहीं है। बर्ड विशेषज्ञों की मानें तो शासन तीन चार साल से प्रदेश स्तरीय गिद्ध गणना करा रहा है, लेकिन गणना के कुछ नहीं होगा। इनके संरक्षण पर भी काम करना होगा। वाइल्ड लाइफ में गिद्ध प्रजाति खत्म होने की स्थिति में है। एशिया महाद्वीप में मात्र दो फीसदी गिद्ध बचे हैं। उज्जैन संभाग में गांधीसागर केवल एकमात्र ऐसा स्थान है जहां गिद्ध हैं। जिसे देखते हुए मप्र शासन ने रविवार को तीसरा प्रदेश स्तरीय गिद्ध सर्वे कराया। जिले में 368.62 वर्ग किमी में फैले गांधी सागर अभयारण्य सहित गरोठ, भानपुरा व मंदसौर के वन क्षेत्र में गिद्धों की गणना की गई। जिले में 675 गिद्ध पाए गए। यह संख्या दो साल पहले हुई गणना से कम है। 2018 में जिले में 682 गिद्ध मिले थे। गांधीसागर में मिली 7 प्रजातियां - एसडीओ आरएल परमार ने बताया गांधीसागर को 23 बीट में बांटा था। दो से तीन सदस्यों ने सुबह 6 से 9 बजे तक भ्रमण कर गिद्धों व आवास की गणना की। हिमालयन वल्चर, यूरेशियन, सिनेरियस, लांग बिल्ड, व्हाइट बैक, इजीप्शियन व किंग वल्चर की प्रजातियां पाई गई। हिन्दुस्थान समाचार, अशोक झलौया-hindusthansamachar.in

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