Railways reached Supreme Court against High Court's decision in the matter of payment of Fifth Pay Commission arrears
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पांचवें वेतन आयोग एरियर के भुगतान मामले में हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची रेलवे

रतलाम, 07 जनवरी (हि.स.)। भारतीय रेलवे के लेखा कर्मचारी के पांचवें वेतन आयोग के एरियर भुगतान को लेकर रेलवे ने हाईकोर्ट के निर्ण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ऑल इंडिया रेलवे अकाउंट स्टाफ एसोसिएशन के महामंत्री रेजी जॉर्ज (चेन्नई) अध्यक्ष पी.भट्टाचार्य (कोलकाता) ने गुरुवार को बताया कि भारतीय रेलवे के लगभग 25 हजार लेखाकर्मी अपने पांचवें वेतन आयोग के एरियर को लेकर हाई कोर्ट मैं अपील दायर की थी, हाईकोर्ट ने 18 दिसम्बर 2019 को एसोसिएशन के पक्ष में फैसला देते हुए रेलवे को 3 माह में भुगतान के आदेश पारित किए तथा साथ ही भुगतान नहीं किए जाने पर 6 प्रतिशत ब्याज भुगतान का भी आदेश पारित किया, किंतु कोविड-19 के कारण सुनवाई नहीं होने के कारण रेलवे ने समय मांगा तथा सरकार हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई जहां 8 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई होगी! ऑल इंडिया रेलवे अकाउंट स्टाफ एसोसिएशन वेस्टर्न रेलवे के महामंत्री प्रकाश व्यास ने बताया कि पांचवा वेतन आयोग 1 जनवरी 1996 से लागू किया गया था तथा भारतीय रेलवे के सभी कर्मचारियों को एक जनवरी 1996 से वेतन निर्धारण कर एरियर का भुगतान किया गया लेकिन लेखा कर्मचारियों को प्रोफार्मा फिक्सेशन कर फरवरी 2003 से भुगतान किया गया, एसोसिएशन इसी मुद्दे को लेकर जनवरी 96 से फरवरी 2003 के एरियर भुगतान को लेकर हाई कोर्ट पहुंची तथा हाईकोर्ट ने एसोसिएशन के पक्ष में भुगतान का आदेश पारित किया था! व्यास ने बताया कि इन 25 वर्षों में कई लेखा कर्मी सेवानिवृत्त हो गए, तथा कई लेखा कर्मी आज हमारे बीच नहीं है, किंतु अगर आज एसोसिएशन के पक्ष में निर्णय होता है तो निर्णय से रतलाम मंडल के जूनियर लेखा सहायक, लेखा सहायक, अनुभाग अधिकार एवं अन्य कैटेगरी के लगभग 300 से अधिक लेखाकर्मी लाभान्वित होंगे तथा भारतीय रेलवे के लगभग 20 हजार लेखा कर्मियों को लाभ होगा! हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी-hindusthansamachar.in

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