संक्रमित युवती से अस्पताल कर्मियों ने की अश्लील हरकत, आयोग ने किए सवाल
भोपाल, 06 मई (हि.स.)। मानव अधिकार आयोग ने इन्दौर शहर के एमवायएच अस्पताल में बीते बुधवार को एक संक्रमित युवती के साथ अस्पताल के दो कर्मचारियों द्वारा अश्लील हरकत किए जाने पर संज्ञान लिया है। इस मामले में आयोग ने उप पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर से 15 दिन में प्रतिवेदन मांगा है। आयोग ने उप पुलिस महानिरीक्षक, इन्दौर से यह भी पूछा है कि क्या पीड़िता का बयान लिया गया ? डॉक्टरी परीक्षण कराया गया ? क्या घटना संज्ञेय अपराध होना प्रतीत होने पर अन्यथा कार्यवाही संभव नहीं है ? कथित दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कोई कार्यवाही की गई है ? आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एमवायएच में फिर एक शर्मनाक हरकत सामने आई। यहां मेटेंनेस देखने वाली एक निजी कम्पनी के दो वार्डबॉय ने कोरोना संक्रमित युवती को निर्वस़्त्र करने का प्रयास किया। कम्पनी ने कर्मचारियों को तत्काल हटा दिया। हालांकि पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है। पीड़िता ने सुबह अपनी छोटी बहन को कॉल कर घटना की जानकारी दी। आरोपी हाउस कीपिंग कम्पनी (यूडीआई) के अन्तर्गत काम करते हैं। उधर, प्रबंधन ने भी मामला दबाने का प्रयास किया। संयोगितागंज टीआई के मुताबिक युवती के परिजन थाने आये थे, लेकिन उन्होंने न श्किायती आवेदन दिया और न ही एफआईआर करवाई। उनका कहना था कि अभी वे लडकी का इलाज करवाना चाहते हैं। महिला एसआई के पति को अस्पताल में नहीं मिला पलंग, मौत अशोकनगर जिले के मुंगावली में पदस्थ 50 वर्षीय पटवारी कमलेश भगत की बीते मंगलवार को जिला अस्पताल में मौत हो गई। पटवारी की पत्नी आदियाना चंदेरी थाने में एसआई है। बीते मंगलवार की रात वह अपने पति को भर्ती कराने जिला अस्पताल लेकर आई थी, लेकिन गंभीर स्थिति होने के बावजूद कमलेश को पलंग नहीं दिया गया। मजबूरन एसआई ने फर्श पर गद्दा बिछाकर अपने बीमार पति को लेटा दिया। इलाज मिलने में लापरवाही के कारण देर रात कमलेश ने दम तोड़ दिया। आदियाना ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुये कहा कि कई बार मिन्नतें करने के बाद भी डाक्टर ने कमलेश को न तो कोई दवा दी और न ही इंजेक्शन लगाया। इस मामले में आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अशोकनगर से एक माह में प्रतिवेदन मांगा है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे