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मप्र बजट सत्र: कृषि कानूनों से कोई भी किसान नहीं बनेगा बंधुआ मजदूर: मुख्यमंत्री

भोपाल, 24 फरवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में राज्यपाल आनंदीबेन के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया, जिस पर पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने सवाल उठाये। उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार पर भी निशाना साधा। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नए कृषि कानूनों के कारण कोई भी किसान बंधुआ मजदूर नहीं बनेगा। बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही हंगामे के साथ हुई। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन कर दिया। हालांकि, कुछ देर बाद ही सभी विधायक वापस आ गए। इसके बाद होशंगाबाद से भाजपा विधायक सीताशरण शर्मा ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 15 महीनों में कचरा फैला दिया था, जिसे साफ करना था, समय लग गया। हम बताएंगे, आपने क्या-क्या कचरा फैलाया। सरकार के सामने दूसरा संकट कोरोना था। पहला संकट तो जनता ने साफ कर दिया और दूसरा संकट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने। शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में जनहितैषी योजना को रोकने का काम किया। उन्होंने संबल योजना रोक दी। बच्चों के लैपटॉप रोक दिए। इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के बजट पर अभिभाषण था। ऐसा है, तो डीजल पेट्रोल के दामों में वृद्धि का उल्लेख क्यों नहीं? उन्होंने सीताशरण शर्मा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कचरा तो 2018 में प्रदेश की जनता ने साफ कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि संबल योजना में फर्जी बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में रोजगार को लेकर कोई बात नहीं की गई। कमलनाथ ने कहा कि 2018 में जब हम सत्ता में आए, तब मध्यप्रदेश आत्महत्या और बेरोजगारी में नम्बर वन था। शिवराज सरकार की योजनाओं को स्थापित करने में ही खुश रहती है। उन्होंने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए इन्हें सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया और कहा कि इन कानूनों के कारण हमारे किसान 'परमानेंट बंधुआ मजदूर' बन जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए करते हुए नेता कमलनाथ के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि नये कृषि कानूनों से बंधुआ मजदूर बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। वे नेता प्रतिपक्ष के प्रत्येक सवाल का जवाब देंगे, लेकिन इस समय इसलिए हस्तक्षेप करना पड़ रहा है, ताकि कोई गलत संदेश नहीं जाए। इसके बाद कमलनाथ ने करीब आधे घंटे तक अपनी बात रखी और धन्यवाद प्रस्ताव का विरोध करते हुए संशोधनों का समर्थन किया। कमलनाथ की बात पूरी होने पर संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी अध्यक्ष गिरीश गौतम की ओर मुखातिब होते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि जब मुख्यमंत्री अपनी बात रखें, तो कमलनाथ अवश्य सदन में मौजूद रहें और इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे कमलनाथ जी की सुविधा अनुसार समय तय करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जवाब के दौरान वे मौजूद रहें। कमलनाथ ने भी आश्वासन दिया कि वे इस बात का पूरा प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री गुरुवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर अपनी बात रखते हुए कमलनाथ के आरोपों का जवाब देंगे। हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

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