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किसान सम्मान निधि: ऑनलाईन पंजीयन कर 30 हजार से अधिक अपात्रों ने ली राशि

अशोकनगर, 31 मई (हि.स.)। बहुउद्देश्यीय प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सेंध लगाकर जिले के करीब 30 हजार से अधिक किसान सालाना 6 हजार रुपए का लाभ ले रहे थे, जिनकी अब पतारसी कर उनकी अगली किश्तों को रोका जा रहा है और वसूली के लिए बैंक खातों पर होल्ड लगाया जा रहा है। बताया गया है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, पेंशनधारी व आयकरदाता समेत एक ही परिवार के दो या दो से अधिक सदस्यों को नहीं मिल सकता। लेकिन 2019 में प्रारंभ हुई इस योजना में जब ऑनलाईन पंजीयन का विकल्प दिया गया तो जिले में करीब पंद्रह हजार किसानों ने अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ ले लिया। अधिकांष अपात्र किसानों के खातों में दो वर्ष की किसान सम्मान निधि भी पहुंच गई। बीते 6 माह से ऐसे अपात्र किसानों को पटवारियों से पतारसी कर उनके पंजीयन को निष्क्रिय किया जा रहा है। यह कार्य प्रत्येक तहसील स्तर पर किया जा रहा है। आगे की कार्रवाई में अपात्र किसानों के बैंक खातों पर होल्ड लगाकर राशि की वसूली की जाएगी। बताया गया है कि अब तक ऑनलाईन पंजीयन कर एक ही परिवार के चार-चार सदस्य तक किसान सम्मान निधि ले रहे थे। वहीं कई सरकारी, कर्मचारी और पेंषनधारकों को भी इस योजना का फायदा मिल रहा था। 3 करोड़ से अधिक राशि की बर्बादी रुकेगी: करीब 6 माह से अपात्रों की पहचान की जा रही है लेकिन बीते 3 माह से यह काम लगभग बंद सा है। क्योंकि करीब डेढ़ माह से तो कोरोना कफ्र्यू के कारण कार्यालय बंद हैं वहीं इससे पहले भी संक्रमण की गति बढऩे के कारण मैदानी जांच पड़ताल प्रभावित हुई थी। एक अनुमान के मुताबिक करीब 30 हजार अपात्रों के पंजीयन रद्द किए जा रहे हैं जिनसे सरकार को 3 करोड़ की बचत होगी। जिससे उन किसानों को लाभान्वित किया जा सकेगा जो पात्र होने के बाद भी लाभ नहीं ले पा रहे थे। 3.60 करोड़ वापिस वसूलने की तैयारी: जिले की कुल 8 तहसीलों में अपात्रों की पहचान की जा रही है जो कि योजना के प्रारंभ होने से 2020 के अंत तक लाभ ले रहे थे। 2 वर्षों में करीब 30 हजार अपात्रों को 3.60 करोड़ से अधिक राषि बैंक खातों में पहुंच चुकी है। इसकी वसूली के लिए बैंक खातों पर होल्ड लगाया जा रहा है। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों व आयकर दाताओं से रकम वसूली आसान है लेकिन अन्य किसानों से वसूली करना षासन के लिए टेड़ी खीर है। हालांकि खाते होल्ड होने से उन्हे अन्य योजनाओं की राषि नहीं मिल सकेगी। सुधार: अब आधार के जरिए ट्रांसफर होगी राशि: सम्मान निधि के सिंगल क्लिक से होने वाले वितरण में काफी देर हो रही है इसकी वजह डेटा में दर्ज खातों में आधार लिंक न होना बताया गया है। इसलिए आने वाली किश्त अब सिर्फ आधार लिंक वाले बैंक खातों में आधार के माध्यम से जमा होगी। किसानों को जिस खाते में राशि चाहिए, उसे आधार लिंक कराना अनिवार्य होगा। परिवार में एक ही व्यक्ति को मिलेगा लाभ: देखा गया है कि एक ही परिवार के कई सदस्य किसान सम्मान निधि का लाभ लेते रहे हैं। इस व्यवस्था में भी सुधार किया गया है। अब एक समग्र परिवार आईडी में दर्ज सदस्यों में से परिवार का मुखिया की सम्मान निधि लेने के लिए पात्र होगा फिर भले ही सभी सदस्यों के अलग-अलग जमीन खाते क्यों न हों। पति-पत्नि में से किसी एक को ही सम्मान निधि की पात्रता होगी। आंकड़ों पर एक नजर: ( लगभग में ) कुल किश्तबंदी खतौनी: 240000 कुल दर्ज किसान परिवार: 156000 कुल लाभकर्ता: 130000 कुल प्रधानमंत्री निधि: 78 करोड़ कुल मुख्यमंत्री निधि: 52 करोड़ इस संबंध भू-अभिलेख अधीक्षक नरेन्द्र पांडे का कहना है कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पंजीकृत किसानों में से अनुमानित करीब 20 प्रतिशत किसान अपात्र हैं। उनकी पहचान कर बैंक खातों पर होल्ड लगाया जा रहा है व अगली किश्त जमा नहीं की जा रही है। यह कार्य पटवारी स्तर से जांच-पड़ताल के बाद तहसील कार्यालय से संपादित किया जा रहा है। हिन्दुस्थान समाचार /आदित्य/ देवेन्द्र

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